जिले के 90 फीसदी सरकारी स्कूलों में नहीं हार्वेस्टिंग सिस्टम

punjabkesari.in Sunday, Jun 17, 2018 - 12:29 PM (IST)

महेंद्रगढ़(जगदीश): सरकारी और निजी संस्थानों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होने के बाद भी जिला के 90 फीसदी सरकारी स्कूल ऐसे है, जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। जहां यह सिस्टम लगे भी है, वहां रखरखाव के अभाव में खराब पड़े हैं। इसका खमियाजा एक बार फिर छात्रों ओर अध्यापकों को भुगतना पड़ेगा। जिला के अधिकतर स्कूलों में बारिश का पानी लबालब भर जाता है। इसी तरह की परेशानी इस साल भी बरसात में झेलनी पड़ सकती है। 

पूरे राज्य में 250 गज से अधिक क्षेत्रफल वाली इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इसके बिना किसी भी संस्थान को कंप्लीशन सर्टीफिकेट नहीं दिया जाता है। सभी सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का प्रावधान किया गया है लेकिन शिक्षा विभाग अब तक 90 फीसदी स्कूलों में इसे लागू नहीं कर पाया है। जिन 10 प्रतिशत स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे भी है, वहां उचित देखरेख के अभाव में उनमें मिट्टी भर गई है। 

शिक्षा विभाग का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए कोई फंड मुहैया नहीं करवाया जाता। इसलिए विभाग भी सिस्टम लगाने के लिए विद्यालयों पर दबाव नहीं बना सकता। महेन्द्रगढ़ जिला के स्कूलों की दूसरे जिला के स्कूलों से तुलना करे तो जींद व करनाल में यहां से स्थिति बेहतर है, यहां पर 40 प्रतिशत स्कूलों में इसकी सुविधा है, वहीं करनाल में 15 प्रतिशत स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हैं। यह स्थिति केवल सरकारी विद्यालयों की ही नहीं है। निजी शिक्षण संस्थानों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए गए हैं। 

क्या कहना है शिक्षा विभाग का 
इस विषय में खंड शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र कुमार का कहना है, कि उनके आने से पहले ही कोई इस प्रकार कि व्यवस्था नहीं थी। वे इस ओर प्रयास करेंगे कि ज्यादा से जयादा स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे जिससे धरातल में जा रहा पानी का संरक्षण हो। 
 


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Deepak Paul

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