'अपनी मीटिंग में धूमल की आलोचना करना वीरभद्र की पुरानी फितरत'

punjabkesari.in Sunday, Jun 17, 2018 - 11:37 AM (IST)

ऊना : भाजपा के राज्य सह मीडिया प्रभारी हरिओम भनोट ने कहा कि वीरभद्र सिंह आज भी धूमल फोबिया से ग्रस्त हैं। अपनी मीटिंग में धूमल की आलोचना करना वीरभद्र की पुरानी फितरत है। धूमल प्रदेश के लोकप्रिय नेता हैं। उन्हें किसी के सर्टीफिकेट की जरूरत नहीं है। धूमल ही हैं जिनकी वजह से वीरभद्र सिंह को सत्ता से बेदखल होना पड़ा है। मिशन रिपीट की बातें करने वाले वीरभद्र के मिशन को बुरी तरह से धूमल ने ही डिलीट किया है। 5 वर्ष तक तानाशाही चलाते रहे वीरभद्र सिंह की सरकार को उखाड़ फैंकने में धूमल का ही सबसे बड़ा हाथ रहा है। वीरभद्र सिंह को 21 के आंकड़े तक सीमित कर दिया गया। यदि वीरभद्र सिंह इतने ही लोकप्रिय नेता थे तो सरकार को रिपीट क्यों नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि धूमल पूरे प्रदेश में वीरभद्र सरकार की जड़ें उखाड़ने में लगे रहे।

जयराम सरकार बेहतर ढंग से काम कर रही
इसी वजह से उन्हें बहुत कम मतों की वजह से अपने क्षेत्र में पिछडऩा पड़ा। धूमल ने अपनी निजी जीत-हार से बड़ी पार्टी की जीत को करार दिया था। भनोट ने कहा कि वीरभद्र सिंह का प्रदेश में कोई भी जनाधार नहीं है। अब वह केवल पार्टी की अंदरूनी लड़ाई लड़कर स्वयं को राजनीति में जिंदा रखने का प्रयास कर रहे हैं। भनोट ने कहा कि वीरभद्र सिंह की शुरू से ही आलोचना की फितरत रही है। कभी वह अपनी पार्टी के नेताओं को कोसते हैं तो कभी वह उनका विरोध करने वाले नेताओं पर भड़ास निकालते हैं। वीरभद्र सिंह को अपनी रजवाड़ाशाही को छोड़कर हकीकत को मानना चाहिए। प्रदेश में जयराम सरकार बेहतर ढंग से काम कर रही है। पुरानी रजवाड़ाशाही को खत्म कर लोकतंत्र को बहाल किया गया है। न ही छत फिर से नसीब हो सके।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

kirti

Recommended News

Related News