वाराणसी फ्लाईओवर हादसा: तकनीकी समिति ने प्रमुख सचिव को सौंपी रिपोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jun 12, 2018 - 10:25 AM (IST)

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में पिछले महीने पुल टूटने की वजह गार्डर को ‘कास्ट’ करने के बाद क्रास बीम की ढलाई नहीं करना था। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई थी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा रेलवे ओवरब्रिज का एक हिस्सा गिरने की वजह पता करने के लिए गठित तकनीकी समिति ने पिछले सप्ताह सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि दुर्घटनास्थल के दोनों ओर भारी यातायात अथवा हवा के दबाव के कारण हो रहे कंपन के प्रति पृथक रूप से कास्ट किए गए गार्डर संवेदनशील थे।
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रिपोर्ट प्रमुख सचिव (लोक निर्माण विभाग) संजय अग्रवाल को सौंपी गई है। मौर्य इस समय दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि पी-79 से पी-80 के बीच 5 गार्डर को कास्ट करने के बाद प्रावधान के अनुरूप क्रास बीम की ढलाई नहीं की गई। इससे सभी गार्डर पृथक रहे और गिरने के लिहाज से संवेदनशील भी। इसमें कहा गया कि पुल के नीचे दिन रात यातायात चलना दुर्घटना की वजह बना। समिति में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (सेतु) वाई के गुप्ता एवं इलाहाबाद सर्किल के मुख्य अभियंता एस के गुप्ता थे।
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लहरतारा और चौकाघाट के बीच 2261 मीटर लंबा फ्लाईओवर उत्तर प्रदेश सेतु निगम बना रहा है। इसकी लागत 129 करोड़ रुपए है। पुल का एक हिस्सा 15 मई को गिर गया था। सेतु निगम के अधिकारियों और मौके पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि इसमें नामजद किसी को नहीं किया गया है। सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक और अन्य अधिकारी सरकार ने निलंबित किए गए। निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक राजन मित्तल को भी हटा दिया गया था।


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