Married Life में चल रही खिटपिट का होगा नाश, बढ़ेगा रोमांस

punjabkesari.in Monday, Jun 11, 2018 - 02:56 PM (IST)

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विवाह से पूर्व वर-वधू के गुण मिलवाए जाते हैं, गुण मिल भी जाते हैं फिर भी वैवाहिक जीवन में क्लेेश रहता है। इसका मुख्य कारण है-ग्रहों का न मिलना। हम गुण मिलवाते हैं और ग्रहों को भूल जाते हैं जबकि गुणों के साथ-साथ ग्रहों पर भी विचार करना चाहिए। 

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कुंडली का सप्तम भाव पति-पत्नी का भाव भी होता है। गुरु, शुक्र और मंगल इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि किसी की कुंडली में गुरु और शुक्र या दोनों में से एक भी ग्रह, पाप प्रभाव में हो तो उसके वैवाहिक जीवन में बाधा आती है। सप्तम भाव और सप्तम भाव का स्वामी पाप ग्रहों से पीड़ित हो तो पति-पत्नी में किसी न किसी बात पर लड़ाई-झगड़ा होता रहता है। सप्तम भाव पर अगर सूर्य की पूर्ण दृष्टि हो और शनि, राहू मंगल में से एक भी ग्रह सप्तम भाव को देखे तो भी पति-पत्नी के बीच विवाद रहता है। सप्तम भाव और सप्तम भाव के स्वामी और गुरु या शुक्र पर सूर्य मंगल, शनि, राहू आदि का प्रभाव हो तो पति-पत्नी का संबंध विच्छेद होता है। 

सप्तम भाव का स्वामी कुण्डली में द्वितीय भाव में हो, लग्र में सूर्य हो गुरु पर शनि की दृष्टि हो, शुक्र भी सूर्य दृष्टि में हो तो लड़ाई-झगड़े के साथ-साथ संबंध विच्छेद (तलाक) होता है।

सूर्य अगर सप्तम भाव में होगा, साथ में किसी भी पाप ग्रह की दृष्टि सप्तम भाव पर हो तो पति-पत्नी की आपस में नहीं बनेगी। 

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लग्र, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भावों में से किसी भी एक भाव में मंगल होने से जातक मांगलिक हो जाता है। उसका विवाह मंगलीक से ही करना चाहिए अन्यथा पूरे जीवन भर पति-पत्नी दोनों के बीच  लड़ाई-झगड़ा रहता है, परन्तु कुछ योग और उपाय एेसे होते हैं जिनके कारण मांगलिक जातक का विवाह बिना मांगलिक से कर दिया जाता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।

जब भी किसी की कुण्डली में गुरु या शुक्र में से कोई भी एक ग्रह पाप ग्रहों से पीड़ित हो तो वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं होगा।

उपाय
पति-पत्नी दोनों सुबह-शाम एक साथ मिलकर मां पार्वती की पूजा, आरती करने के बाद घर में गंगाजल छिड़कें और मां पार्वती से घर में सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें। उपाय तभी करें जब दोनों पति-पत्नी चाहते हैं कि उनके बीच में प्रेम बना रहे क्योंकि यह उपाय दोनों को एक साथ मिलकर करना होगा किन्तु अगर किसी कारणवश शाम को एक साथ न कर सकें तो सुबह को एक साथ जरूर करना होगा और इसके साथ शाम को पति अथवा पत्नी दोनों में से एक को पूजा करनी है, यदि दोनों करें तो अति उत्तम। 
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स्त्री अपने हाथ में पीली चूड़ी पहने और साथ में सोने की एक या दो चूडिय़ां भी पहने या सोने का कड़ा पहने तो भी पति-पत्नी के बीच में प्रेम बढ़ता है।

किसी वृद्ध स्त्री से आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में खुशहाली आती है और पति-पत्नी की आयु बढ़ती है। 

बैडरूम में पति अपने तकिए के नीचे लाल सिंदूर रखे और पत्नी अपने तकिए के नीचे कपूर रखे। पति उस सिंदूर से सुबह अपनी पत्नी की मांग भरे और जो सिंदूर बच जाए उसे कहीं गिरा दे। पत्नी बैडरूम में कपूर का धुआं करे ऐसा करने से पति-पत्नी में प्यार और सम्मान की भावना बढ़ जाएगी। 

पत्नी नियमित रूप से सुन्दरकांड का पाठ करे और साथ में चमेली के तेल का दीपक भी प्रज्जवलित करे तो वैवाहिक जीवन में चल रहे लड़ाई-झगड़े, क्लेश आदि पर अंकुश लगता है।

लाल सिंदूर, सैंट, केसर और चने की दाल एक लाल कपड़े में बांधकर पत्नी दान करे तो पति-पत्नी के बीच मनमुटाव खत्म हो जाता है। 

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प्रत्येक रविवार को बैडरूम में गुग्गल का धुआं करें, ऐसा करने से अगर किसी बुरी नजर के कारण मन-मुटाव, लड़ाई-झगड़ा हो तो वह दूर हो जाएगा। 

पति-पत्नी अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करें:
विधेहि देवी कल्याणं विधेहि परमां श्रियम।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

घर में हो रही कलह के निवारण के लिए दुर्गा माता की आराधना करनी चाहिए और साथ में 108 बार इस मंत्र का नियमित जप करें:
धं धीं धूं धूर्जटे, पत्नी वां वीं वूं वाग्धीश्वरि ।
क्रां क्री क्रूं कालिका देवि, शांत शीं शूं शुभं कुरू ॥

पति-पत्नी दोनों भोजन करने से पहले अपने-अपने भोजन से चिडिय़ों के लिए भोजन निकालें और छत पर चिडिय़ों के नाम से डाल दें। 

चींटियों को मीठा खाना अथवा शक्कर डालने से दाम्पत्य जीवन में खुशी आती है। 

सुबह पति अथवा पत्नी एक तांबे के लोटे में जल लें और ‘शांति’ का पाठ करते हुए पूरे घर, छत, घर के बाहर छिड़काव करें। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों में स्नेह और प्रेम बढ़ेगा।

पांच नारियल, मसूर की दाल और लाल चंदन किसी लाल कपड़े में बांधकर 11 या 21 मंगलवार को बहते हुए जल में प्रवाहित करें, ऐसा करने से घर का क्लेश समाप्त हो जाएगा। 

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गणेश जी की पूजा, अर्चना करनी चाहिए। 

पति-पत्नी दोनों में से एक प्रतिदिन ‘नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ का 108 बार मंत्र जप करे। उसके पश्चात् तुलसी में जल दे रविवार को तुलसी में जल न दें।

बैडरूम में राधाकृष्ण की मूर्ति लगाने से पति-पत्नी दोनों के बीच में प्रेम बढ़ जाता है। 

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प्रेम को मजबूत बनाने का सबसे बढिय़ा तरीका है कि पति-पत्नी दोनों महीने में या छ: महीने में एक बार बाहर खाना खाने जाएं। घर का अन्य कोई सदस्य यहां तक कि बच्चे भी साथ न हों। 

कुछ पति-पत्नी कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ाई-झगड़ा करते हैं, जोर-जोर से चिल्ला-चिल्ला कर पड़ोसियों की नाक में भी दम कर देते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए पति शिव के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर नित्य जल चढ़ाए और ‘ॐ नम: शिवाय’ की एक माला जप करें।

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Jyoti

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