4 जिलों में स्थापित नहीं हो पाएंगे मेडिकल कॉलेज

punjabkesari.in Monday, Jun 11, 2018 - 08:29 AM (IST)

कैथल(ब्यूरो):  हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की राज्य सरकार की घोषणा मात्र कागजी साबित हो जाएगी। यह सवाल प्रदेश में जोर-शोर से उठ रहा है। आखिर उठे भी क्यों नहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मनोहर सरकार को झटका दिया है। विभिन्न 4 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसी प्रकार 4 अन्य जिलों में चल रहे कालेजों में वर्ष 2018-19 के लिए नए दाखिलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसका कारण मुख्य रूप से कमजोर आधारभूत ढांचा होना बताया है। 

प्रदेश में इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ड्रीम प्रोजैक्ट के लिए खतरा माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने गत दिवस यह घोषणा की थी कि सरकार राज्य के सभी 22 जिलों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोल रही है। अब वर्ष 2019 के चुनावों से पहले नहीं लगता कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का सपना पूरा हो पाएगा।

इन कॉलेजों को नहीं मिली वांछित अनुमति
हरियाणा इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज एंड रिसर्च कैथल, अल-फलह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसिज एंड रिसर्च फरीदाबाद, गंगापुत्र मैडीकल कॉलेज जींद, बाबा मूंगीपा  मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सैंटर की वर्ष 2018-19 में स्थापना संबंधी अनुमति केंद्रीय मंत्रालय ने देने से इंकार कर दिया है यानी आवेदन रद्द कर दिए है।

जिन कॉलेजों के प्रस्ताव नकारे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन 4 कॉलेजों की दाखिलों को लेकर विभिन्न प्रकार की व अलग-अलग अनुमति संबंधी याचिकाएं नकार दी है। उनमें आदेश मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शाहाबाद के अगले बैच के दाखिले तथा वर्ल्ड कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसिज एंड रिसर्च, झच्चर शामिल हैं जिसने 150 अतिरिक्त सीटें मांगी थीं। इसी प्रकार श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्री-शैंचुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं रिसर्च सैंटर गुरुग्राम की उस याचिका को मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। जिसमें दूसरे बैच के लिए 50 अतिरिक्त मेडिकल सीटों का नवीनीकरण मांगा था। 

इसी प्रकार महाराजा अग्रसैन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा जिला हिसार के आग्रह को भी ठुकरा दिया है। इन आदेशों से यह स्पष्ट हो गया है कि गुरुग्राम के उक्त मेडिकल कॉलेज में बीते साल दाखिला दिए 150 की बजाय इस बार एम.बी.बी.एस. में केवल 100 प्रवेश हो पाएंगे तथा अग्रोहा में बीते 2 सालों के दौरान प्रवेश दी जाने वाली 100 सीटों की बजाय केवल 50 का ही दाखिला हो सकेगा। बीते साल की बात करें तो राज्य के 2 कॉलेजों ने प्रतिबंध का दंश झेला है।  
 

 


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Rakhi Yadav

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