हैरानी होती है कि भाजपा इतनी अनुभवहीन सरकार है: दिग्विजय चौटाला

punjabkesari.in Saturday, Jun 09, 2018 - 07:17 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): देश जहां 2013 के लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के घोटालों से सुर्खियों में था वहीं हरियाणा के अंदर हुडडा राज में मानेसर घोटाले ने प्रदेश की किरकिरी करवाई हुई थी, और अब भाजपा की अनुभवहीन सरकार के कायम दर्जे के नए-नए नियमों के कारण देश और प्रदेश सुर्खियों में है। भाजपा इतनी अनुभवहीन सरकार हो सकती है। इस बात पर सभी को हैरानी है क्योंकि चुनाव से पूर्व भाजपा के घोषणापत्र में बड़े-बड़े वायदे किए गए थे जो हवाई साबित हुए। यह बात इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिगिवजय सिंह चौटाला ने हैरानी व्यक्त करते हुए कही। 

चौटाला ने कहा कि अनुभवहीन सरकार के लापरहवाह शासन के कारण खिलाडिय़ों तक को सोचने को मजबूर होना पड़ रहा है। बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना तो बहुत दूर की बात है कच्चे कर्मचारियों को लगाना भी इनके बस की बात नहीं है उपर से ग्रामीण स्तर के होनहार प्रतिभावान खिलाड़ी देश के लिए मेडल प्राप्त करते हैं तो उन्हें सरकार से नौकरी के साथ-साथ अच्छे सम्मान की आस रहती है। लेकिन मोजूदा सरकार ने तो सभी हदों को पार कर दिया था। इन लोगों ने खिलाडिय़ों तक की मार्केटिंग करने की सोच ली थी। 

शुक्रवार को जब आनन फानन में बिना सोचे समझे खिलाडिय़ों की आय में एक तिहाई आय सरकार की जेब में डालने का फरमान सुनाया गया था तो सरकार के इस फैसले से यह बात बिलकुल स्पष्ट हो गई थी कि यह सरकार केवल मात्र मार्केटिंग की सरकार है।इस सरकार को प्रदेश चलाने का जीरो स्तर पर भी अनुभव है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर और खेल मंत्री अनिल विज को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह सब खिलाडिय़ों के प्रति द्वेष भावना का प्रमाण है। हरियाणा सरकार की इस तरह तानाशाही नियमों को लागू करने की मंशा खिलाडिय़ों के विरोध के बाद धरी की धरी रह गई। इनसो अध्यक्ष ने कहा कि पूरा प्रकरण एक सोची समझी नीति के तहत लागू करवाने का था यदि इनेलो और खिलाड़ी इसका विरोध नहीं करते तो भाजपा सरकार इस तरह के दोयम दर्जे का नियम लागू भी करती।  

 उदाहरण देते हुए बताया कि किसानों के साथ ज्यादती और स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट को लागू न करना, छात्र संघ चुनाव के प्रति सरकार का गम्भीर ना होना,  बुढापा पैंशन किस्तों मेें देना, दलितों पर अत्याचार,  आए दिन बलात्कार की घटनाएं,  नौकरियों को छीना जाना पक्के किए गए कर्मचारियों को कच्चा करने का फरमान, आशा वर्करों का आए दिन रोड़ प्रदर्शन, पीने के लिए पानी तक न होना, महंगाई का लगातार बढऩा, प्रदेश को कोई भी नया प्रोजेक्ट ना मिलना, अस्पतालों में डाक्टरों की कमी और मूलभूत सुविधाएं ना होना, शिक्षा के क्षेत्र में कोई नए प्रोजेक्ट का ना आने पर  हैरानी व्यक्त की और कहा कि किसी प्रदेश की बागड़ोर इस तरह के अनुभवहीन लोगों के हाथ में भी हो सकती इस बात की कल्पना भी नहीं जा सकती है। 


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Deepak Paul

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