वैज्ञानिकों का दावा- इंसान को काटने वाले मच्छरों की जान लेने वाली दवा तैयार

punjabkesari.in Saturday, Jun 09, 2018 - 01:05 PM (IST)

 मेलबर्नः गर्मी व बरसात के मौसम में मच्छरों की समस्या आम बातहै। खास कर बरसाती मौसम में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोग मच्छरों के काटने से फैलते है। मच्छर के काटने पर होने वाली बीमारियों के खतरे बचाव के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिक एक ऐसी दवा बना रहे हैं, जिससे  मच्छर खुद को काटने की चुनौती दे सकेंगे।

केन्या स्थित लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में हुई स्टडी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने आईवरमेक्टिन नाम की एक दवा तैयार की है। इस दवा के इस्तेमाल से व्यक्ति का खून मच्छरों या पैरासाइट के लिए जहरीला हो जाता है। यानी मच्छर ने ऐसे किसी व्यक्ति को काट लिया तो वह मच्छर खुद ही मर जाएगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से मच्छरों के कारण होने वाली मलेरिया जैसी बीमारियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

इस दवा का इस्तेमाल साल 1980 से जूं और फाइलेरियासिस जैसी कई बीमारियों के इलाज के लिए हो रहा है, इसलिए ये दवा कोई नई खोज नहीं है। अध्ययन के शोधकर्ता डॉ. मेनो स्मिट ने कहा कि तीन दिन तक आईवरमेक्टिन गोली के हाई डोज लेने से व्यक्ति का खून 28 दिनों के लिए जहरीला हो जाता है। इस दौरान मच्छर अगर उसे काटता है तो मच्छर मर जाता है। हालांकि इसके कुछ साइड इफेट्स भी हैं, उन पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।

47 नमूनों पर किए इस शोध में वैज्ञानिकों ने देखा कि इस खून को चूसने वाले तकरीबन 97 फीसदी मच्छरों की दो सप्ताह में ही मौत हो गई थी। इस अध्ययन को केन्या मेडिकल रिसर्च मेडिकल इंस्टीट्यूट और यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने सपोर्ट किया है।बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया की आधी आबादी पर मलेरिया का खतरा है।
 


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Tanuja

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