कानपुर: मरीजों की मौत के कारण की पड़ताल के लिए 4 सदस्यीय टीम गठित

punjabkesari.in Friday, Jun 08, 2018 - 03:40 PM (IST)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीएसवीएम) कॉलेज से संबंध हैलट अस्पताल प्रशासन की कथित लापरवाही से 5 लोगों की मौत के मामले में जिला प्रशासन ने आज चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने प्रकरण की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। अपर जिलाधिकारी नगर की अगुवाई में यह टीम तीन दिन में अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हुई मौत के कारणों की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट में आईसीयू प्रभारी डॉ. सौरभ अग्रवाल समेत ड्यूटी पर रहने वाले जूनियर डाक्टरों की भूमिका को भी दर्शाया जाएगा।

अधिकृत सूत्रों ने बताया कि हैलट अस्पताल के आईसीयू में बुधवार को 5 बच्चों समेत 11 मरीज भर्ती हुए थे। इस बीच वातानुकूलित प्रणाली (एसी सिस्टम) खराब होने से आईसीयू में वेंटीलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों ने भी काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद भर्ती मरीजों की हालत बिगडऩे लगी। तीमारदारों ने प्रबंधन व डाक्टरों से शिकायत की मगर हालात जस के तस रहे । इस बीच एक-एक कर गुरूवार को देर रात तक पांच मरीजों की मौत हो गई।

जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी नगर सतीश पाल कल रात मौके पर पहुंचे। मरीजों के तीमारदारों ने उनसे एसी खराब होने की घटना से अवगत कराया। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही मिलने पर एडीएम सिटी ने पूरा मामला जिलाधिकारी को बताया जिसके बाद जिलाधिकारी ने देर रात ही हैलट के आईसीयू में 2 एसी लगवाने के निर्देश दिया। आज सुबह जिलाधिकारी हैलट अस्पताल पहुंचे और आईसीयू का दौरा करते हुए 4 और एसी लगवाए।

पाल ने बताया कि इस संबंध में तत्काल कुछ कहना ठीक नहीं है लेकिन मामला जांच का है। और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए है। उन्होंने कहा कि मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और रिपोर्ट आने के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि एसी सिस्टम फेल होने से वेंटीलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों ने भी काम करना बंद कर दिया है। आईसीयू का एसी प्लांट देर रात ठप हो गया था और मेंटीनेंस का ठेका खत्म होने से मरम्मत भी नहीं हो पाई। ऐसे में चारों तरफ से बंद आईसीयू वार्ड में मरीज तड़प उठे।

जूनियर डॉक्टरों की शिकायत के बाद मरम्मत करने के लिए इंजीनियर आए तब पता चला कि एसी प्लांट की मोटरें जलने से कूङ्क्षलग फेल हो गई। ऐसे में अंदर हवा का कोई इंतजाम न होने से कंप्यूटर और वेंटिलेटरों ने भी काम करना बंद कर दिया। इसके बाद एक-एक कर पांच मरीजों की जान चली गई। 


 


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Tamanna Bhardwaj

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