Parama Ekadashi: शास्त्रों के अनुसार करें व्रत, मिलेंगी दुर्लभ सिद्धियां

punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2023 - 07:19 AM (IST)

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Parma Ekadashi Adhik Maas 2023:अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कमला, परमा एवं हरिवल्लभा एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है। वर्ष 2023 में 12 अगस्त को यह व्रत है। इस दिन भक्तिपूर्वक सच्चे भाव से व्रत करने वालों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और प्रभु की अपार कृपा जहां भक्तों पर बनी रहती है, वहीं उन्हें सभी प्रकार की निधियां और दुर्लभ सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं।

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कैसे करें व्रत- प्रात: सच्चे भाव से व्रत का संकल्प करके स्नानादि क्रियाओं से निवृत होकर भगवान कमलनयन, सुदर्शनधारी, देवाधिदेव श्री विष्णु जी का धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प एवं मौसम के फलों के साथ पूजन करें। पंचामृत से भगवान को स्नान कराएं तथा सच्चे मन से ‘ एकादश्यां निराहार: स्थित्वाहमपरेअहनि, भोक्ष्यामि पुण्डरीकाक्ष शरणं मे भवाच्युत ’ मन्त्र का उच्चारण करें।  


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सारा दिन व्रत करें तथा एक समय फलाहार करते हुए अपना अधिक से अधिक समय प्रभु भक्ति में लगाएं, हरि चर्चा करें, रात्रि को प्रभु नाम का संकीर्तन करें, मंदिर में दीप दान करें। अगले दिन द्वादशी को स्नानादिक दिनचर्या से निपटकर भगवान को केवल दूध से स्नान कराएं तथा हाथ जोडक़र ‘ अज्ञानतिमि रान्धस्य व्रतेनानेन केशव, प्रसीद सुमुखो भूत्वा ज्ञानदृष्टिप्रदो भव’  प्रार्थना करें।

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क्या है पुण्यफल- पुरषोत्तम मास की किसी भी एकादशी के व्रत का पुण्यफल किसी कल्पतरु से कम नहीं है। जिस कामना से कोई भक्त एकादशी का व्रत करता है, उसकी वह कामना अवश्य पूरी हो जाती है तथा जीवन में उसे कभी निराश नहीं होना पड़ता। कलियुग में तो भक्तों के लिए एकादशी व्रत ही भवसागर में डूबती नैय्या को पार लगाने का एकमात्र सरल साधन है। पुरुषोत्तम मास में शास्त्रानुसार कोई भी दान तथा व्रत आदि श्रेष्ठ कर्म किसी कामना से नहीं करने चाहिए क्योंकि इस मास में नि:स्वार्थ भाव से कर्म करना ही वास्तव में उत्तम कर्म होता है।  

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Content Writer

Niyati Bhandari

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