इस ग्रह को Strong करने के लिए करें ये काम

punjabkesari.in Thursday, Jun 07, 2018 - 11:08 AM (IST)

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जैसे की हम सबको पता है कि हमारे सोरमंडल में पूरे नौ ग्रह हैं, जिनमें से प्रत्येक ग्रह की अपनी-अपनी अलग पहचान है। ज्योतिष के अनुसार इन ग्रहों की पहचान के साथ-साथ इनकी अपनी अलग मान्यताएं भी हैं। इसके अनुसार ये नौ ग्रह मानव के जीवन पर अच्छा-बुरा दोनों तरह का प्रभाव डालते हैं। तो आईए आज बात करते हैं शुक्र ग्रह की, जिसे ज्योतिष के अनुसार सबसे चमकीला ग्रह माना जाता है। साथ ही इसे प्रेम का भी कहा जाता है। यदि किसी की कुंडली में शुक्र शुभ माना प्रभाव देता है तो वह जातक आकर्षक, सुंदर और मनमोहक होता है। शुक्र के विशेष प्रभाव से वह जीवनभर सुखी रहता है। शुक्र को सुन्दरता का प्रतीक माना जाता है।
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शुक्र की आराधना कर शुक्र को बलवान बनाकर सुख व ऐश्वर्य पाया जा सकता है। आज हर व्यक्ति अपने जीवन को अपनी हैसियत से ज्यादा आरामदायक वस्तुओं पर खर्च करता है। यदि आप भी जिंदगी को ऐश्वर्य और आराम से भरपुर बनाना चाहते हैं तो शुक्र बलवान बनाने वाले उपायों को अपनाए। शुक्र के लिए ओपल, हीरा, स्फटिक का प्रयोग करना चहिये और यदि ये बहुत ही खराब है तो पुरुषों को अश्विनी मुद्रा या क्रिया रोज करनी चाहिये। इस ग्रह के पीड़ित होने पर आपको ग्रह शांति हेतु सफेद रंग का घोड़ा दान देना चाहिए। रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दान शुक्र ग्रह की विपरीत दशा में सुधार लाता है. इसके साथ ही कुछ प्रभावशाली मंत्रों के जाप से शुक मजबूत होकर सुखद फल प्रदान करता है।


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शुक्र महाग्रह मंत्र 
ॐ नमो अर्हते भगवते श्रीमते पुष्‍पदंत तीर्थंकराय। अजितयक्ष महाकालियक्षी सहिताय ॐ आं क्रों ह्रीं ह्र:।। 

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शुक्र महाग्रह मम दुष्‍टग्रह। रोग कष्‍ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरू कुरू हूं फट्।। 

मध्‍यम मंत्र 
ॐ ह्रीं श्रीं क्‍लीं शुक्रग्रह अरिष्‍ट निवारक श्री पुष्‍पदंत जिनेन्‍द्राय नम: शान्तिं कुरू कुरू स्‍वाहा 
 

लघु मंत्र 
ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं 


तांत्रिक मंत्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: 


शुक्र गायत्री मंत्र 
ॐ  भृगुवंशजाताय विद्यमहे। श्वेतवाहनाय धीमहि। तन्नो : कवि: प्रचोदयात॥


शुक्रवार के दिन किसी नवग्रह मंदिर या घर के देवालय में यथासंभव शुक्रदेव की सोने से बनी मूर्ति या लिंग रूप प्रतिमा की यथाविधि पूजा करें. पूजा में दो सफेद वस्त्र, सफेद फूल, गंध और अक्षत चढ़ाएं. पूजा के बाद शुक्रदेव को खीर या घी से बने सफेद पकवान का भोग लगाएं. पूजा के बाद इस शुक्र गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना श्रेष्ठ होता है. 


नवग्रह शांति मंत्र 
ॐ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: राशि भूमि सुतो बुध च।
गुरू च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।

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हमारे धर्म ग्रंथों में कई मंत्रों का वर्णन है जिनके जाप से किसी भी ग्रह की शांति हो जाती है। एक मंत्र ऐसा भी है जिसके माध्यम से सभी ग्रहों की एक साथ पूजा की जा सकती है। यह मंत्र नौ ग्रहों की पूजा के लिए उपयुक्त है. यदि इस मंत्र का प्रतिदिन जाप किया जाए तो सभी ग्रहों का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस मंत्र के जाप के लिए कुछ उपाय हैं. सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ वस्त्र पहनकर नवग्रहों की पूजा करनी चाहिए. नवग्रह की मूर्ति के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का पांच माला जप करें. आसन कुश का हो तो अच्छा रहेगा।
 

तांत्रिक उपाय 
काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए।
शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए।
किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय 10 वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए।
अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए।
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए।
शुक्रवार के दिन गौ को दुग्ध से स्नान करना चाहिए।
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Jyoti

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