ऑफ द रिकॉर्डः कर्नाटक में अमित शाह का ‘प्लान’ कैसे हुआ विफल

punjabkesari.in Sunday, May 27, 2018 - 08:45 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक में भाजपा की जीत के लिए लगभग 6 महीने तक काम करते रहे। वास्तव में उनके चहेते और रेल मंत्री पीयूष गोयल कर्नाटक में एच.डी. देवेगौड़ा तथा उनके बड़े पुत्र रेवन्ना के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए हुए थे। गौड़ा परिवार कांग्रेस से उस समय से नाराज है जब देवेगौड़ा को केन्द्र में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किया गया और उनके विरोधी सिद्धरमैया को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया। ‘लोकमत’ ने सबसे पहले यह खबर दी थी जब पीयूष गोयल ने मार्च महीने में गौड़ा परिवार के साथ उनके निवास में मुलाकात की। उन्होंने बाद में बताया कि वह देवेगौड़ा के निर्वाचन क्षेत्र में रेलवे परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए गए थे।
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शाह और गोयल ने गौड़ा परिवार को काफी लुभावनी पेशकश की थी। एक पुत्र को उपमुख्यमंत्री का पद और दूसरे को केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाने का आश्वासन दिया। यह गठबंधन चुनाव के बाद होगा। इस समझौते के कारण ही समूचे भाजपा नेतृत्व ने चुनाव अभियान में जनता दल (एस) की कभी आलोचना नहीं की। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने देवेगौड़ा की प्रशंसा की। भाजपा ने केवल राहुल और उनकी पार्टी को ही निशाना बनाया।
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ऐसी भी खबरें हैं कि शाह ने मुम्बई में कुमारस्वामी के साथ मुलाकात की और इस बैठक का आयोजन पीयूष गोयल द्वारा किया गया था। यह फार्मूला बनाया गया कि अगर भाजपा की बहुमत अंक संख्या कम हुई तो वह जद (एस) के साथ गठबंधन करेगी और सत्ता में सांझेदारी बनाएगी लेकिन कुमारस्वामी राहुल गांधी द्वारा शनिवार को की गई लुभावनी पेशकश को अपनाने को तैयार हो गए जिसमें कहा गया कि उनको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

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Seema Sharma

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