जब जी उठी 'मृत' गर्भवती, बच्ची को दिया जन्म

punjabkesari.in Friday, May 25, 2018 - 09:10 AM (IST)

नाहन: एक तरफ महिलाओं को अस्पतालों में प्रसव को लेकर जागरूक किया जा रहा है तो दूसरी ओर प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक पहुंचाना ही मुश्किल है। ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो यदि कहीं सड़कें हैं तो उनकी हालत इतनी खस्ता है कि गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने से पहले ही रास्ते में प्रसव हो जाता है। ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के तहत आने वाले गांव खैरवाला के भुडन में सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला रोशनी पत्नी रमजान को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद महिला को परिजन रास्ते की हालत खस्ता होने के चलते करीब अढ़ाई किलोमीटर तक चारपाई पर उठाकर लाए।


महिला के बेहोश होने पर समझ लिया हो गई मौत
इस दौरान 108 एम्बुलैंस को भी कॉल की गई लेकिन जब तक एम्बुलैंस पहुंचती तब तक महिला को प्रसव पीड़ा अधिक हो गई और वह बेहोश हो गई। इस पर महिला के परिजनों ने उसे मृत समझ लिया और कुछ परिजन महिला के अंतिम संस्कार की तैयारियों में भी जुट गए। इस दौरान 108 एम्बुलैंस के ई.एम.टी. जुल्फीकार व राकेश कुमार मौके पर पहुंचे और परिजनों से महिला के बारे में पूछताछ की। परिजनों ने उन्हें बताया कि महिला की मृत्यु हो चुकी है। जुल्फीकार ने परिजनों पर दबाव बनाया कि उन्हें महिला से मिलवाया जाए। जब ई.एम.टी. ने महिला को देखा तो उन्होंने पाया कि बच्चे के रोने की आवाज आ रही है। इसके बाद उन्होंने महिला को टी.टी.आर. दिया, जिससे महिला होश में आई और बाद में उसने नॉर्मल प्रसव से स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। महिला की प्रसव पीड़ा से लेकर प्रसव तक होने वाला पूरा घटनाक्रम कई बड़े सवाल खड़े करता है।


एकमात्र महिला के सहारे छोड़ गए परिजन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब महिला को परिजनों ने मृत माना तो रास्ते में एकमात्र महिला के सहारे छोड़कर अन्य परिजन अंतिम संस्कार के लिए सामान खरीदने चले गए। उधर, महिला का पति पहले ही बीमारी से ग्रस्त बताया जा रहा है। 


क्या कहते हैं लो.नि.वि. के अधिकारी
लो.नि.वि. नाहन के अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा ने बताया कि खैरवाला तक विभाग द्वारा पक्की वाहन योग्य सड़क बनाई गई है। गर्भवती महिला ग्रामीण क्षेत्र से होगी, जहां लोक निर्माण विभाग के तहत सड़क नहीं आती होगी।


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Vijay

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