देश में खतरनाक वायरस NiPah की दस्तक, केरल में 10 की मौत
punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 03:40 PM (IST)
कोझिकोड़: केरल के कोझिकोड जिले में रहस्यमय और अत्यंत घातक ‘निपाह’ वायरस की चपेट में आने से 10 लोगों के मरने के समाचार के बाद केन्द्र सरकार सतर्क हो गई है। निपाह से मौतों की खबर के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सक्रिय हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्ढा ने ट्विटर पर जानकारी दी कि केरल में निपाह वायरस से होने वाली मौतों के बाद उत्पन्न स्थिति पर स्वास्थ्य सचिव से बातचीत की है। नड्डा ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के बाद डाक्टरों की एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दे दिये गए हैं। राष्ट्रीय नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के निदेशक की देखरेख में एक दल केरल पहुंच चुका है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग से बराबर संपर्क बनाये हुए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जानलेवा वायरस से पीड़ति छह लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है और 25 प्रभावितों को सघन निगरानी में रखा गया है।
Reviewed the situation of deaths related to nipah virus in Kerala with Secreatry Health. I have directed Director NCDC to visit the district and initiate required steps as warranted by the protocol for the disease in consultation with state government.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) May 20, 2018
क्या है निपाह वायरस और इसके लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों पर हमला करता है। 20 साल पहले 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह का मामला सामने आया था। इसी वजह से इसे निपाह नाम दिया गया है। इस वायरस का पहला असर सुअरों में देखने को मिला था। इसके बाद 2004 में बांग्लादेश पर इसका प्रभाव दिखा था।
लक्षण
- इस बीमारी में सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, जलन, सिरदर्द, चक्कर आना और बेहाशी भी आ जाती है।
- यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है।
- निपाह को एनआईवी इंफेक्शन भी कहा जाता है।
- इससे प्रभावित आदमी को सांस लेने की दिक्कत होने के साथ ही दिमाग में जलन की शिकायत होती है। अगर समय पर इसका इलाज न हो तो शख्स की मौत भी हो सकती है।
- इसके इलाज के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इससे पीड़ित शख्स का आईसीयू में ही इलाज संभव है।
- WHO के मुताबिक इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। पेड़ से नीचे गिर फल न खाएं, खासकर खजूर। बीमार सूअर और अन्य जानवरों से दूर रहें।