पंजाब की विरासत से जुड़ा है वैज्ञानिक शोध का क्षेत्र: राष्ट्रपति

punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 08:39 AM (IST)

मोहाली  (नियामियां): वैज्ञानिक शोध का क्षेत्र पंजाब की विरासत से जुड़ा हुआ है जिससे आइसर जैसे संस्थान को प्रेरणा मिल रही है। देश की आजादी से पहले पंजाब वैज्ञानिक ज्ञान के जन्म और प्रशिक्षण के शुरूआती केन्द्रों में से एक रहा है। वैज्ञानिक खोजों और तकनीकों के सुमेल और बड़ी विकास प्रणाली ने देश के विकास में अहम योगदान दिया है। 

 

यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही। वह रविवार को मोहाली स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) के 7वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संस्थान के प्रांगण में पौधा लगाया और संस्थान के 152 स्टूडैंट्स को बी.एस., बी.एस-एम.एस. और पीएच.डी. की डिग्रियां प्रदान कीं। 


उन्होंने कहा कि भाखड़ा-नंगल जैसे बड़े प्रोजैक्ट्स में जमीनी स्तर पर तकनीशनों द्वारा निभाई भूमिका को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इसी तरह कृषि विज्ञानियों और यूनिवॢसटियों ने अनाज की पैदावार बढ़ाने 
और हरित क्रांति के लिए आधार मुहैया करवाया। आज मोहाली आई.टी., बायोटैक्नोलॉजी, बायोइन्फॉर्मैटिक्स और दूसरे क्षेत्रों का गढ़ बन गया है। आइसर उच्च शिक्षा और शोध संबंधी देश के सबसे अहम संस्थानों में शुमार है। उन्होंने डिग्रियां हासिल करने वाले स्टूडैंट्स को बधाई दी। 

 

देश व समाज के प्रति भी समर्पित बनें
उन्होंने स्टूडैंट्स को प्रेरणा दी कि वे समाज और देश के प्रति कुछ न कुछ करने की भावना जरूर रखें, खासकर उनके लिए जिनके पास साधनों की कमी है। राष्ट्रपति ने कहा कि पंजाब ऐसे टैक्नोक्रेट्स का इतिहास संजोए है जो कामयाब कारोबारी बने। उन्होंने खुशी जाहिर की कि एकैडेमिक परफॉर्मैंस के दोनों स्वर्ण पदक छात्राओं के ही हिस्से आए हैं। एकैडेमिक एक्सीलैंस के लिए दिए गए 4 अवार्डों में से भी 3 लड़कियों ने जीते हैं। 

 

संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी
आइसर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्ज की चेयरपर्सन डा. मधुचंदा ने भारत के राष्ट्रपति और अन्य शख्सियतों का स्वागत किया। संस्थान के डायरैक्टर प्रो. देबी प्रसाद सरकार ने संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी। डीन एकैडेमिक आर.एस. जौहल ने शख्सियतों का धन्यवाद किया। इस मौके पर राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद, पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर, हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, कैबिनेट मंत्री पंजाब बलबीर सिंह सिद्धू, मुख्य सचिव पंजाब सरकार एन.एस. कलसी, पंजाब यूनिवॢसटी के उपकुलपति अरुण कुमार ग्रोवर, आइसर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्ज सीनेट के मैंबर, सहायक रजिस्ट्रार बिपुल कुमार चौधरी सहित फैेकल्टी मैंबर्स भी मौजूद रहे। 


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