ये है येदियुरप्पा सरकार के कर्नाटक में गिरने का ज्योतिषीय नाटक

punjabkesari.in Sunday, May 20, 2018 - 11:02 AM (IST)

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद शनिवार की शाम को 4 बजे आखिरी व निर्णायक फ्लोर टेस्ट से पहले ही भाजपा की येदियुरप्पा सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को उम्‍मीद थी कि वह इस फ्लोर टेस्ट में भी पास हो जाएगी।

येदियुरप्‍पा समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह उम्‍मीद थी कि वह सदन में बहुमत साबित कर लेंगे, मगर ऐसा हुआ नहीं। कांग्रेस ने भाजपा की कर्नाटक सरकार को धाराशायी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी व उच्चतम न्यायालय ने भी इस संदर्भ में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके फलस्वरूप भाजपा कर्नाटक में बहुमत साबित करने में विफल रही व सीएम येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा।
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कठिन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे येदियुरप्पा


पंजाब केसरी के पंडित कमलनंद लाल जी के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम को ज्योतिष के आधार पर देखा जाए तो ज्ञात होगा की इस विफलता के पीछे ग्रहों का बड़ा हाथ है। बीएस येदियुरप्‍पा की कुंडली में कुछ ऐसे योग हैं की उन्हे सिर्फ 50 घंटों का मुख्यमंत्री पद मिल पाया। आएं इस लेख के माध्यम से करते हैं इस घटनाक्रम का ज्योतिषीय विश्लेषण।

इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीएस येदियुरप्‍पा का जन्म 27.02.1943 को रात्रि 03 बजकर 35 मिनट पर बुकानकेरे क्षेटीआर में हुआ था। इस समय क्षितिज पर धनु लग्न उदित था। बीएस येदियुरप्‍पा की धनु लग्न की कुंडली में छठे भाव का स्वामी चंद्रमा बाहरवें भाव में स्थित होकर विपरीत राज योग का निर्माण करता है, इसी विपरीत राज योग ने इन्हे जिसने इनको कठिन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक तीसरी बार पहुंचा दिया था।
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येदियुरप्पा पर चंद्रमा की अंतर्दशा में बुध की अंतर्दशा चल रही 
कार्मेष व सप्तमेष बुध का धन भाव में बैठना उन्हें लंबी पारी का घोडा बनाता है। परंतु कुंडली में छठे भाव में बैठा शनि बार बार उनके राजनीतिक कैरियर को ठेस पहुंचता है। वर्तमान समय में शनि फिर से अपनी साड़ेसाती के अंतिम पड़ाव में उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपनी टेढ़ी नजर लगाए बैठे हैं। वर्तमान समय में येदियुरप्पा पर चंद्रमा की अंतर्दशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है। द्विस्वभाव लग्न होने के कारण बुध इस कुंडली का बाधक भी है। जिसने इनके मुख्यमंत्री बनने के सपने को चकना चूर कर दिया है।
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येदियुरप्पा ने मिथुन लग्न में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की
17 मई गुरुवार को सुबह 9 बजे बेंगलुरु में बीजेपी विधायक दल के नेता येदियुरप्पा ने मिथुन लग्न में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कीl 17 मई को सुबह 9 बजे क्षितिज में मिथुन लग्न उड़ाऊ हो रहा था। इस समय सप्तम भाव में बैठे शनि और अष्टम भाव में पड़े केतु-मंगल की अशुभ स्थिति ने तीन दिन के अंदर में उनकी सरकार पर संवैधानिक संकट ला दिया। शपथ ग्रहण के समय बनी कुंडली में राज्य और सत्ता के कारक ग्रह सूर्य व चन्द्रमा 12 वें घर में स्थित थे जिसके कारण सरकार की स्थिरता भंग हुई। मंगल और केतु का मकर राशि में गोचर कर्नाटक में भाजपा सरकार के गिरने का बड़ा कारण है। वर्तमान में जेष्ठा का अधिक महीना  चल रहा है, ऐसे मैं सरकार के गठन जैसा अहम फैसला वो भी अशुभ परिस्थितियों में राजनीतिक रूप से आत्मघातक कदम था। सोमवार 21 मई को नई सरकार द्वारा ली गई शपथ भी जोतिषीय दृष्टि से अशुभ स्थिति को जन्म देगी।


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