मंत्रियों के लिए नई लग्जरी गाड़ियां खरीदने की तैयारी में कैप्टन सरकार

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 03:44 PM (IST)

बठिंडाःकैपटन सरकार ने मुख्यमंत्री और बाकी मंत्रियों के लिए नई लग्जरी गाड़ियां खरीदने की तैयारी शुरु कर रखी है, जिनसे सरकारी खजाने पर  वित्तीय बोझ बढ़ेगा। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सलाहकारों, ओएसडीज तथा अन्य अफसरों के लिए नए महंगे वाहन खरीदने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। मोटर वहीकल बोर्ड की 3 अप्रैल को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में इस बारे विचार-विमर्श किया जा चुका है। इन वाहनों के लिए बजट का इंतजाम करने के लिए प्रयास हो रहे हैं।


कैप्टन सरकार ने इस काम के लिए शुरुआत तब की जब  खाली खजाने कारण राज्य की हालत खराब  पड़ी है।  ‘ट्रिब्यून’ में लगी खबर अनुसार वहीकल बोर्ड की ताजा मीटिंग के विवरन  अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए 6.51 करोड़ रुपए में 24 लग्जरी गाड़ियां खरीदने की तजवीज है। मुख्यमंत्री के लिए 3.40 करोड़ रुपए में दो बुलेट प्रूफ लैड्ड करूजर कारों और मुख्य मंत्री दफ़्तर के लिए 1.40 करोड़ में 7 इनोवा, 1.31 करोड़ में 13 महेंद्रा और 40 लाख रुपए में दो इनोवा गाड़ियां खरीदी जा रही हैं।

 
मुख्यमंत्री के पास इस समय पर सुरक्षा वाहनों के इलावा 36 गाड़ियां हैं। कैबिनेट मंत्रियों के लिए 18 नई टोयटा फारचूनर या टोयोटा कैमरी कारे खरीदने की तैयारी है, जिन पर 4.68 से 5.36 करोड़ रुपए तक खर्च आएगा। मुख्यमंत्री के ओएसडीज के लिए 1.64 करोड़ रुपए में 14 स्याज और सलाहकारों के लिए इनोवा या कैमरी खरीदने की तजवीज है जिन पर 40 से 60 लाख रुपए खर्च आएगा। एमएलए /एमपीज़ के लिए 1.59 करोड़ में 12 इनोवा गाड़ियां खरीदने की तजवीज है। पंजाब राज भवन के लिए छह गाड़ियां खरीदने के लिए 79.32 लाख रुपए के बजट की जरूरत है।


मोटर वहीकल बोर्ड की मीटिंग काफी लंबे समय बाद में हुई है, जिस में ट्रांसपोर्ट विभाग और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव भी मौजूद थे। सूत्र बताते हैं कि मुख्य सचिव ने ट्रांसपोर्ट महकमे को पांच पड़ोसी सूबों में दीं गाड़ियों की रैंकवाईस रिपोर्ट भी बनाने के लिए कहा है। बोर्ड मीटिंग में तजवीजों और तत्काल जरूरतों पर चर्चा हो चुकी है,आखीरी फैसले का इंतजार किया जा रहा है। वित्त विभाग माली स्रोत जुटाने में लगा है। 
 

स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर एम.के. अरविन्द कुमार का कहना है कि बोर्ड की मीटिंग में नए वाहन खरीदने बारे विचार-विमर्श हो चुका है और आखीरी फैसला आना बाकी है। उन्होंने मीटिंग के विवरन बताने से इन्कार करते कहा कि दूसरे सूबों के वाहनों बारे भी मुख्य सचिव को विस्तार में बता दिया गया था।  
 


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