आसाराम के ''बेशर्म कोड वर्ड'', जिन्हें वे लड़कियों के लिए करता था इस्तेमाल

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 01:18 PM (IST)

नई दिल्ली: साबरमती नदी के तट पर एक कुटिया में ध्यान से अपना सफर शुरू करने के बाद 10 हजार करोड़ रुपए का विशाल साम्राज्य खड़ा कर लेने वाले आसाराम आसाराम हजारों लोगों के बीच अपने साधकों से जो बातें करते, वो सुनती तो पूरी दुनिया थी लेकिन समझते सिर्फ साधक ही थे क्योंकि ये बातचीत आसाराम के उस बेशर्म कोड लैंग्वेज पर टिकी होती थी, जिसके सहारे वो लड़कियों का शिकार किया करते। तो आईए आपको आसाराम के उन बेशर्म कोड लैंग्वेज के तिलिस्म के बारे में विस्‍तार से बताते हैं।

कोडवर्ड नंबर 1- लेजर टॉर्च, जहां धर्म का उजाला होना चाहिए, वहां किसी लड़की की बर्बादी का अंधेरा उस टॉर्च से आता था, जिससे आसाराम सत्संग में बैठे किसी लड़की पर तीन बार लाइट फेंकता था। आसाराम के पूर्व सेवक के मुताबिक, इस लाइट का इशारा ये होता था कि आसाराम के लिए उस लड़की को सेवादार तैयार करें।  

कोडवर्ड नंबर 2- आसाराम की नजरें 12 साल से 20 साल तक की लड़कियों पर ही रहती थी। इनमें जो लड़की पसंद आ जाए, उसे बार-बार जोगन कहकर पुकारने लगता था। बस इतने से ही उनके सेवादार समझ जाते थे कि सफेद लिबास में बैठे बाबा के इरादे कितने काले हैं।

कोडवर्ड नंबर 3- आसाराम को कोई लड़की भा गई तो उसे मीरा नाम से पुकारते थे। अब मीरा बना दिया तो खुद को कृष्ण बताने वाले आसाराम के लिए उस लड़की का ब्रेनवाश करने में जुट जाते थे करीबी सेवादार।

कोडवर्ड नंबर 4- अपने विवादों के कारण सुर्खियों में रहने वाले आसाराम के प्रवचन के पंडाल में प्रसाद भी हैसियत से तय होता था। जो बहुत ज्यादा चढ़ावा देता था, उसे काजू-बादाम मिलता था लेकिन प्रजापति के मुताबिक अगर किसी लड़की पर आसाराम की नजरें गड़ गईं तो उसे वो प्रसाद में काजू-बादाम देते थे। करीबी सेवादारों के लिए ये इशारा काफी होता था कि आसाराम चाहता क्या हैं।

कोडवर्ड नंबर 5- एकांतवास, भक्त और भगवान के बीच कोई नहीं होता उसे एकांतवास कहते हैं, लेकिन, आसाराम पर आरोप है कि उसका एकांतवास उसकी रंगरेलियों का अड्डा था। जहां उसके और लड़कियों के अलावा कोई नहीं आ सकता था। सेवादारों भी उस कक्ष में नहीं जा पाते थे। 


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Anil dev

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