BPL सूची में फर्जीवाड़े पर नगर निगम सदन ने दिए विजीलैंस जांच के आदेश

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 10:27 AM (IST)

शिमला: राजधानी शिमला की बी.पी.एल. सूची में फर्जीवाड़े पर नगर निगम सदन ने विजीलैंस जांच करवाने के आदेश दिए हैं। सदन में बी.पी.एल. सूची में गड़बड़ी को लेकर निगम के कांग्रेसी व भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और मामले पर जांच की मांग की। सदन की अध्यक्षता करते हुए मेयर कुसुम सदरेट ने मामले पर जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद माहौल काफी गर्माया रहा। पंजाब केसरी में पिछली 11 अप्रैल को शिमला शहर की सूची में फर्जीवाड़े की खबर प्रकाशित की गई थी, इसके बाद मेयर ने मामले पर जांच के आदेश दिए थे। वहीं सदन में कांग्रेसी पार्षद अर्चना धवन, दिवाकर देव, मीरा शर्मा, राकेश चौहान, भाजपा पार्षदों में शैलेंद्र चौहान, आरती चौहान, आनंद, सत्या कौंडल, संजीव ठाकुर, किमी सूद व विवेक शर्मा सहित अन्यों पार्षदों ने मामले पर जमकर हंगामा किया।


पार्षद अर्चना धवन ने कहा कि सर्वे में भारी गड़बड़ी है, इससे शहर के गरीबों को सूची में शामिल नहीं किया गया है, जबकि सरकारी कर्मचारी को इस सूची में डाला गया है। पार्षदों ने सर्वे रद्द करवाने की मांग की भी सदन के समक्ष रखी। पार्षद मीरा शर्मा व दिवाकर देव ने कहा कि करीब एक दशक तक प्रशासन को बी.पी.एल. परिवारों के चयन को लेकर दी गई गाइडलाइन पर विरोधाभास की ही स्थिति बनी हुई है तो फिर शहर में कैसे बी.पी.एल. परिवारों को चयन किया गया है। बता दें कि साल 2007 में स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के तहत शहर में नगर निगम ने बी.पी.एल. परिवारों के चयन के लिए एक सर्वे करवाया था, जिसमें आर.टी.आई. के तहत मिली जानकारी के मुताबिक चयन प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा पाया गया है। दरअसल जाखू वार्ड में 6 अपात्र परिवारों के चयन को लेकर एक व्यक्ति ने शिकायत की थी, जिस पर एम.सी. के पूर्व आयुक्त द्वारा जांच बिठाई गई थी। 


आर.टी.आई. के तहत ली गई जांच रिपोर्ट के मुताबिक एम.सी. शिमला के वी.वी.आई.पी. वार्ड जाखू में 6 फर्जी गरीब परिवार बी.पी.एल. सूची में शामिल पाए गए हैं। ये फर्जी गरीब न्यूनतम आय यानि 36 हजार रुपए सालाना की शर्त को पूरा नहीं करते हैं और न ही इनका चयन वार्ड सभा की सिफारिशों के तहत पाया गया है। इससे करीब एक दशक तक जिन पात्र लोगों को बी.पी.एल. के लिए चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए था, वे उससे वंचित रह गए हैं। इसके बाद से सूची को लेकर पार्षदों ने सवाल उठाए हैं। 


माकपा पार्षद ने फैंकी कुर्सी, भाजपा पार्षद के गैटआऊट बोलने पर किया वाकआऊट
वहीं सदन में कांग्रेसी, भाजपा व माकपा पार्षद एक-दूसरे से उलझते रहे। हद तो तब हो गई जब भाजपा पार्षद व माकपा पार्षद शैली शर्मा के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बात काफी बढ़ने पर शैली ने शैलेंद्र चौहान को तहजीब से बात करने की नसीहत दे डाली, साथ ही भाजपा पार्षद ने गैटआऊट कहकर पार्षद को बाहर जाने को कहा। इस पर सदन में जमकर हंगामा हुआ और बात इतनी बिगड़ी कि माकपा पार्षद ने गुस्से में आकर सदन से वाकआऊट किया। जाते-जाते शैली कुर्सी फैंक कर सदन से बाहर चली गईं। इस पर सदन काफी गर्माया रहा। वहीं साथ बैठी पार्षद को कुर्सी बाल-बाल लगने से बची। वहीं शैली के साथ की गई बदतमीजी करने पर कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध किया, ऐसे में बहसबाजी बढ़ने से पार्षद आपस में ही उलझते नजर आए और इससे माहौल गर्माया रहा। माकपा पार्षद शैली का कहना है कि एक पार्षद दूसरे पार्षद के साथ इस तरह की बदतमीजी नहीं कर सकता है। निगम सदन में जो महिला पार्षद के साथ किया गया, वह निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने भाजपा शासित नगर निगम पर जनता की आवाज को दबाने का आरोप लगाया है।


प्रश्नकाल आधा घंटा करने पर भड़के नगर निगम पार्षद
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मेयर ने सभी पार्षदों  को अवगत करवाया कि केवल आधा घंटे तक ही प्रश्नकाल चलेगा, ऐसे में सदन में बैठे पार्षदों ने इसका जमकर विरोध किया। भाजपा पार्षदों ने भी प्रश्नकाल आधा घंटा करने पर विरोध जताया। पार्षद शैली शर्मा, मीरा शर्मा, दिवाकर देव, राजेश चौहान, आरती, अर्चना धवन व किमी सूद सहित अन्य पार्षदों ने भी प्रश्नकाल समयावधि बढ़ाने की मांग की, साथ ही पार्षदों ने कहा कि केवल आधा घंटा प्रश्नकाल के लिए बहुत कम समय है, इतने समय में केवल इक्का-दुक्का प्रश्नों पर ही चर्चा होगी। वहीं शर्मा की मेयर व अन्य पार्षदों के साथ जमकर बहसबाजी हुई।


तहबाजारियों को बसाए निगम
सदन में पार्षदों ने मांग उठाई कि प्रशासन जल्द ही तहबाजारियों को बसाए, ताकि शहर की सड़कों पर किए जा रहे अतिक्रमण से मुक्ति मिल सके। पार्षद आरती चौहान व सत्या कौंडल ने कहा कि संजौली चौक फायर हाईड्रैंट के समीप जो तहबाजारी बैठा है, उसे वहां से हटाया जाए। पार्षद ने कहा कि निगम द्वारा उसे वहां पर बैठने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। मेयर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उसे वहां से हटा दिया जाएगा। 


कुछ वार्डों में ट्रायल आधार पर आऊटसोर्स होगी सफाई व्यवस्था
शहर में बिगड़ती सफाई व्यवस्था व सैहब कर्मचारियों के आए दिनों काम से गायब रहने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नगर निगम शहर के कुछेक वार्डों में ट्रायल आधार पर सफाई व्यवस्था को ठेके पर देगा। इसके लिए कुछ पार्षदों ने लिखित में अपनी सहमति दी है। मेयर ने कहा कि ट्रायल के तौर इसे शुरू किया जाएगा और यदि प्रयोग सफल रहता है तो पूरे शहर में सफाई व्यवस्था को ठेके पर दिया जाएगा। 


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Ekta

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