निर्भया के दादा ने जताई कोर्ट के फैसले पर खुशी, कहा- साधु के वेश में दरिंदा है आसाराम

punjabkesari.in Wednesday, Apr 25, 2018 - 06:05 PM (IST)

शाहजहांपुरः आसाराम को दुराचार के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाने के अदालत के फैसले से खुश होते हुए पीड़िता के पिता ने आज कहा कि बेटी की हिम्मत से ही ‘‘ढोंगी बाबा को उसके किये की सजा मिल सकी।’’ वहीं काेर्ट के फैसले पर निर्भया के दादा ने भी खुशी जताते हुए कहा कि आसाराम साधु के वेश में दरिंदा है। 

आसाराम को उम्र कैद की सजा
आसाराम को जोधपुर की एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के कुछ देर बाद पीड़िता के पिता पुलिस सुरक्षा में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि हमें पहले से ही न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमारा भरोसा सच साबित हुआ। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी बेटी बहुत हिम्मत वाली है। आज उसकी हिम्मत से ही हम ‘‘इस ढोंगी बाबा को उसके किए की सजा दिला पाए हैं’’।

हमने लड़ाई जीत ली- पीड़िता का पिता
पीड़िता के पिता ने कहा कि हमने लड़ाई जीत ली है। आसाराम जेल में ही रहेगा। हमें अब किसी का डर नहीं है क्योंकि न्यायपालिका और प्रशासन हमारे साथ हैं। हमें प्रशासन तथा शहर के लोगों एवं मीडिया ने पूरा सहयोग किया तभी हम लड़ाई जीत पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अब हमारी मौत भी हो जाती है तब भी हमें कोई गम नहीं होगा क्योंकि हमने अपनी बेटी को न्याय दिला दिया।

सजा मिलने पर पीड़ित परिवार खुश
आज आसाराम को सजा सुनाए जाने से पहले जब पीड़िता के पिता मीडिया के सामने आए तो उनके चेहरे पर चिंता की रेखाएं साफ झलक रही थीं परंतु जब अदालत से आसाराम को आजीवन कारावास तथा उनके दो सहयोगियों को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई गई तो दोबारा मीडिया के सामने आने पर उनके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी।

आसाराम के आश्रम में सन्नाटा 
दूसरी और आसाराम के रुद्रपुर गांव में बने आश्रम में आज पूरी तरह सन्नाटा है। ग्रामीण बताते हैं कि 4 वर्ष पूर्व यहां जब कोई कार्यक्रम होता था तो गाडिय़ों की कतार लग जाती थी। पूरे गांव में चहल पहल रहती थी परंतु आज ग्रामीण भी आसाराम को ढोंगी बाबा कहकर बात करने से कतरा रहे हैं। बताया जाता है कि इस घटना से पूर्व शहर में ही आसाराम के हजारों की संख्या में अनुयाई थे परंतु इस मामले के बाद आश्रम की ओर जाने वालों की संख्या कम हो गयी है।   


निर्भया के दादा ने जताई कोर्ट के फैसले पर खुशी 
निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने अदालत के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके उनके परिजनों के कलेजे को भी ठंडक पहुंची है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के समय ही जब आसाराम ने निर्भया कांड के गुनाहगारों की वकालत करते हुए निर्भया को कसूरवार ठहराया था, तभी परिवार को एहसास हो गया था कि ‘‘आसाराम साधु के वेश में दरिंदा’’ है। 


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Tamanna Bhardwaj

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