साइबर बुलिंग से बच्चों में बढ़ रहा है इस बात का खतरा, पेरेंट्स को रखना पड़ेगा खास ध्यान

punjabkesari.in Wednesday, Apr 25, 2018 - 05:23 PM (IST)

लंदन:  आजकल बच्चें इंटरनेट का इस्तमाल कई चीजों में करते हैं। आजकल की पढ़ाई  इतनी टफ है कि बच्चें इंटरनेट का सहारा लेना पड़ता है। कई बार इंटरनेट पर सर्चिंग टूल में बच्चों को ऐसे लिंक या ग्रुप में लोग मिल जाते हैं जिसमें उन्हें धमकाया, डराया या तंग किया जाता है। एक शोध में सामने आया है कि जिन बच्चों को साइबरबुलिंग की जाती है। उन बच्चों और युवाओं के दिमाग में खुद को नुकसान पहुंचाने और खुदकुशी करने का विचार आने का दोगुना खतरा है। 
     

ब्रिटेन के स्वांसी विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और र्बिमघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 21 साल से ज्यादा अवधि के दौरान 150,000 बच्चों और युवाओं पर इसकी पड़ताल की है। यह पड़ताल ‘ जनरल ऑफ मेडिकल इंटरनेट रिसर्च ’ में प्रकाशित हुई है। इसमें सोशल मीडिया पर लोगों को तंग करने वालों और इसके शिकार दोनों पर अहम प्रभाव को रेखांकित किया गया है।       


शोधकर्ताओं ने दबंगई से निपटने के लिए प्रभावी नीति बनाने की जरूरत पर जोर दिया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि स्कूल की बुलिंग रोधी नीति में साइबरबुलिंग की रोकथाम को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं को दोस्तों का online सपोर्ट उपलब्ध कराने के साथ ही इसमें किसी अन्य के हस्तक्षेप की तकनीक सिखाने, मोबाइल फोन कंपनियों से संपर्क करने के साथ ही लोगों को ब्लॉक करने की तकनीक के बारे में शिक्षित करने या लोगों की पहचान करने के तरीके सिखाने पर विचार करना चाहिए।      


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