वाराणसी के गंगा घाटों पर शौच करने पर होगी कार्रवाई,15 मई से कपड़े धोने पर रोक

punjabkesari.in Wednesday, Apr 25, 2018 - 01:25 PM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के गंगा घाटों पर खुले में शौच पर तत्काल रोक के साथ 15 मई से व्यवसायिक लाभ के लिए कपड़े धोने पर पूर्व रुप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने सफाई एवं अन्य विकास कार्यों की समीक्षा के बाद वाराणसी नगर निगम को इस आदेश पर अमल कराने का कल आदेश दिया था। उन्होंने घाटों को स्वच्छ बनाने के लिए चल रहे प्रयासों एवं प्रगति की जानकारी लेने के बाद सुस्त रफ्तार में काम होने पर निगम के अधिकारियों को फटकार लगाई और चेतावनी देते हुए उन्हें सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के अभियान को और तेज करने का निर्देश दिया।

अग्रवाल ने व्यवसायिक लाभ के लिए गंगा घाटों पर कपड़े धोने वाले लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शहर में निर्मित धोबी घाटों पर ही कपड़ों की धुलाई हो। उन्होंने व्यवसायिक लाभ के लिए कपड़े धोने के लिए खतरनाक केमिकल एवं साबुन के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कई गंगा घाटों पर लोगों द्वारा खुले में शौच किए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे तत्काल रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने सिन्धिया घाट पर निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय का कार्य 10 मई तक पूरा कराए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि 11 मई को वह इसका स्थलीय निरीक्षण करेंगे और कार्य पूरा नहीं होने की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंडलायुक्त ने कुछ घाटों पर खुले में शौच किए जाने की जानकारी पर नगर निगम के अधिकारियों को घाटों के किनारे बने सभी सामुदायिक शौचालयों को शीघ्र उपयोग के लायक बनाए रखने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने खुले में शौच करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाए जाने का भी निर्देश दिया।  उन्होंने गंगा घाटों पर स्थित 5 पम्पिंग स्टेशनों का 4.50 करोड़ की लागत वाली मरम्मत एवं जीर्णोद्वार परियोजनाओं के पूरा करने में हो रहे अनावाश्यक विलम्ब और एक वर्ष से इस परियोजना में कोई प्रगति नहीं होने की जानकारी को गंभीरता से लिया। नाराज मंडलायुक्त ने जल निगम के अभियंता को फटकार लगाते हुए कार्य करने वाली निजी कंपनी के संबंधित अधिकारी को उनके समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

अग्रवाल ने सख्त लहते में चेतावनी देते हुए कंपनी के संबंध में निगम अधिकारियों से कहा कि समय से कार्य पूरा करायें, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। मंडलायुक्त ने शाही नाले की सफाई के लिए चल रही सुस्त रफ्तार कार्य पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने युद्घस्तर पर नाले की सफाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि 24 घंटे में 3 शिफ्ट में कार्य कराने और हर हालत में 31 जुलाई तक कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा नहीं होने पर एक अगस्त को जिम्मेदार अभियंता के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया है।


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