3 साल पहले भी पाकिस्तान जत्थे में गायब हुआ था यह परिवार

punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 05:08 PM (IST)

फरीदकोट(हाली): पाकिस्तान जाने वाले जत्थों के साथ जाकर श्रद्धालुओं के जानबूझकर गायब हो जाने का मुद्दा इस बार फिर किरण बाला और अमरजीत सिंह करके सुर्खियों में है, परन्तु सरकारें इस गंभीर मामले को गंभीरता के साथ नहीं ले रही, जिस कारण यह सिलसिला बादस्तूर जारी है। 3 साल पहले इसी तरह जत्थे में गए फरीदकोट जिले के एक परिवार का पाकिस्तान में जाकर गायब हो जाना और उस मामले में अभी तक किसी खुफिया एजैंसी की तरफ से कोई भेद न लगा सकना, भी सरकार की इन मामलों प्रति गंभीरता को दर्शाता है। 

जिक्रयोग्य है कि फरीदकोट जिले के गांव साधांवाला में कई साल रहे सुनील सिंह का परिवार भी 3 साल पहले पाकिस्तान गए श्रद्धालुओं के जत्थे में बैसाखी मनाने गया था वहां से गायब हो गया, जिसका अभी तक कोई पता नहीं लग सका। फरीदकोट पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया हुआ है और जांच कर रही है। यहां तक कि इस सम्बन्धित ग्रह विभाग की तरफ से खुफिया एजैंसियों को भी लिखा गया परन्तु सब व्यर्थ रहा। यहां यह भी जिक्रयोग्य है कि उसके गायब होने के बाद तत्कालीन डी.एस.पी. विशालजीत सिंह ने टीम समेत गांव का दौरा किया था और गायब परिवार के घर की तलाशी भी ली थी। तलाशी दौरान गायब हुए परिवार के नाम पर नीला कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड और बच्चे का जन्म सर्टीफिकेट पुलिस को मिले थे जो गायब हुआ परिवार साथ नहीं लेकर गया और सारा सामान गांव ही छोड़ गया था। 

सुनील सिंह पुत्र ज्ञान सिंह जिसने कि अपने दस्तावेजों पर गांव साधांवाला का पता बताया हुआ था गांव की धर्मशाला में अपने परिवार जिसमें उसकी पत्नी सुनीता देवी, लड़का उमेर सिंह और लड़की हुमा कौर के साथ रहता था और इसी पते पर वह वीजा लगवाकर पाकिस्तान बैसाखी मौके पर अन्य संगतों के साथ गया था। जबकि असलियत में सुनील सिंह गांव साधांवाला का निवासी ही नहीं था और न ही उस बारे गांव के लोगों को कोई खास जानकारी थी जिसके बावजूद उसके यहां के रिहायशी सबूत और सरकारी सुविधाओं बारे कार्ड बने जिस पर गांव के गण्यमान्यों ने शिनाख्त की थी। 

जानकारी अनुसार सुनील सिंह, उसकी पत्नी, लड़का और लड़की तीन साल पहले दस दिनों के वीजे पर बैसाखी मनाने के लिए पाकिस्तान गए थे परंतु यह सारा परिवार गुरुद्वारा डेरा साहिब से लापता हो गया था। इस परिवार के पासपोर्ट डेरा साहिब गुरूद्वारे जमा करवाए गए थे जोकि वहां ही पड़े हुए थे जबकि उनका बाकी सामान गुरुद्वारा पंजा साहिब से मिला जिससे स्पष्ट था कि यह परिवार न तो भारतीय शिनाख्त अपने साथ लेकर गया और न ही भारतीय पासपोर्ट अपने पाकिस्तान में गायब होने पर लेकर गया। 

वहीं गांववालों का आज भी कहना है कि इस परिवार बारे गांव साधांवाला के लोगों को कोई खास जानकारी नहीं और न ही किसी को यह पता है कि तीन साल पहले सुनील सिंह और उसका परिवार कहां रहता था। यहां बताने योग्य है कि जिस कमरे में सुनील रहता था उससे करीब एक-डेढ़ किलोमीटर पर गांव चुघ्घेवाला के साथ ही आर्मी की फायरिंग रेंज है और उसके नजदीक ही गोला-बारूद का डम्प भी है। सुनील सिंह के परिवार का कोई जद्दी घर, रिहायश नहीं थी, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने उसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट जारी करने की अपेक्षित सिफारिश जारी की। प्रशाशन की रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट दफ्तर ने 25 जुलाई 2014 को सुनील सिंह और उसके परिवार को पासपोर्ट जारी किए। 

क्या कहते हैं अधिकारी 
इस सम्बन्धित जब जिले के सीनियर पुलिस कप्तान डा. नानक सिंह के साथ बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धित पुलिस ने थाना सदर फरीदकोट में केस दर्ज किया हुआ है, जिसकी जांच तब से लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि गायब हुए परिवार की सूचना लगाने के लिए ग्रह विभाग को लिखा हुआ है और इसके अलावा इस बारे इंटरपोल के साथ भी पुलिस विभाग अलग तौर पर कार्यवाही कर रहा है। 


 


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Vaneet

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