ऑपरेशन के बाद भी दिव्यांग की जिंदगी नहीं जीना चाहता लेखराज

punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 10:19 AM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): गढ़शंकर थाने के गांव पुरखोवाल में रविवार सुबह थ्रैशर की चपेट में आने से दोनों हाथों से बेकार होने वाला 24 वर्षीय लेखराज भविष्य में अपाहिज की जिन्दगी नहीं जीना चाहता। 
सोमवार को होशियारपुर सिविल अस्पताल के ऑप्रेशन थियेटर के बाहर अपनों से घिरे लेखराज ने बताया कि ऑप्रेशन को लेकर वह बिल्कुल भयभीत नहीं है। उसे पता है कि ऑप्रेशन के बाद भी उसके दोनों हाथ कामकाज को लेकर बेकार साबित होंगे। पर उसे इस बात को लेकर जरा भी घबराहट नहीं है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह नए सिरे से जिन्दगी जीने की कोशिश करेगा।

परिजन बढ़ा रहे थे हौसला
ऑपरेशन थियेटर के बाहर लेखराज के बड़े भाई सोमराज, चाचा श्रीचंद, मामा चरणजीत सिंह के साथ गांव के जगतार सिंह, जतिन्द्र सिंह, रवि कुमार, मनी, राजू लगातार लेखराज का हौसला बढ़ा रहे थे। परिजनों ने बताया कि इसे सौभाग्य ही कहा जाएगा कि साथ ही काम कर रहे मजदूरों ने थ्रैशर को तत्काल बंद कर दिया अन्यथा हादसे में लेखराज की जान तक जा सकती थी। इलाज में खर्च के लिए भी गांव के लोग एकजुट दिखे वहीं जिनके खेत में हादसा हुआ, वे भी लेखराज की मदद कर रहे थे।

प्रशासन जरूर करेगा सहायता
संपर्क करने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि खेती के काम के दौरान हादसे से विकलांग हुए लोगों को सरकार की तरफ से मिलने वाली जो भी सुविधाएं मिलती हैं, लेखराज को जरूर मिलेंगी।

सरकार से आर्थिक नहीं स्थायी मदद की है दरकार
लेखराज के परिजनों ने बताया कि लेखराज ने जहां 12वीं तक पढ़ाई की है वहीं एयर कंडीशनिंग विषय में आई.टी.आई. कोर्स भी किया हुआ है। माता-पिता की मृत्यु के बाद वह दुबई में काम कर रहे अपने भाई के परिवार के साथ ही गांव में रहते हुए मजदूरी कर रहा था। इस साल घर वाले लेखराज की शादी कराने की योजना बना रहे थे लेकिन बदले हालात में अब लेखराज सरकारी आर्थिक मदद की बजाय सरकार से कोई रोजगार देने की उम्मीद कर रहा है। लेखराज ने बताया कि सरकार मदद करे तो वह अपने पैरों पर बिना हाथों के भी खड़ा हो सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News

Related News