मां-बाप के ये 7 डायलॉग्स सुनकर बच्चे हो जाते हैं इमोशनल

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 06:28 PM (IST)

मां-बाप हमेशा अपने बच्चों को भला ही चाहते हैं। उनको हमेशा खुश रखने की कोशिश करते हैं। मगर जब भी बच्चा गलती करता है तो उसको समझाने के लिए वह कुछ बाते भी बोलते हैं। मां प्यार से तो पापा डांट कर बच्चे को अच्छी बाते समझाते हैं। मगर माता-पिता कई बार एेसे डायलॉग बोल देते हैं जिनको सुन कर बच्चे इमोशनल भी हो जाते हैं। आज हम भी आपके लिए कुछ ऐसे ही डायलॉग्स बताएंगे जिन पर सिर्फ मां-बाप का ही अधिकार होता है। तो चलिए जानते हैं उन डायलॉग्स के बारे में।


1. जब भी बच्चा कोई गलती करता है तो आप उसे अक्सर यही बोलते हैं कि क्या इसी दिन के लिए 'तुझे पाल-पोस कर बड़ा किया था'। इस बात को सुनकर बच्चा इमोशनल हो जाता है और रोने लगता है। 


2. यह डायलॉग तो हर बाप अपने बेटे को बोलता ही है। जब पापा के मुंह से यह शब्द निकलते हैं कि 'बाप का जूता पैर में आने लगा लेकिन अकल नहीं आई' तब पूरे माहौल में सन्नाटा छा जाता है। 


3. बच्चों को हर समय फोन पर लगा देखकर मां-बाप के मुंह से एक ही बात निकलती हैं। इस 'फोन को आग लग जाएं'।


4. अक्सर बच्चे जब अपने पेरेंट्स की बात नहीं मानते तो उनको मानाने के लिए वह बहुत ही इमोशनल डायलॉग बोलते हैं। वह डायलॉग होता है कि'जब तुम्हारे बच्चे होंगे तब पता चलेगा'। जब बच्चे मां-बाप की बात नहीं मानते तो उनको कितना बुरा लगता है।


5. अपने लाडले या लाडली पर जब प्यार आता है तो माता-पिता इमोशनल होकर बोलते हैं 'मेरी बेटी/मेरा बेटा लाखों में एक है'। 


6.  'तू ठीक से कुछ खाती-पीती ही नहीं है' इस डायलॉग को बोलने का क्रेडिट सिर्फ और सिर्फ मम्मियों को जाता है। चाहे हम जीतना भी खा लें पर उनको वह कम ही लगता है। 


 

 


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