यहां प्रसाद की तरह लोगों में बंटते हैं हथियारों के लाइसैंस

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 10:33 AM (IST)

फिरोजपुर (कुमार): फिरोजपुर जिला हथियारों के लाइसैंस बनवाने में हमेशा चर्चित  रहा है और यहां वर्षों पहले राजनीतिक स्तर पर थोक में हथियारों के लाइसैंस बनते रहे हैं। जब फाजिल्का जिला नहीं बना था तब फिरोजपुर जिले में करीब 52 हजार हथियारों के लाइसैंस थे। बादल सरकार के समय जिला फिरोजपुर में बहुत से लाइसैंस ऐसे लोगों के बने थे, जो लोग वास्तव में फिरोजपुर जिले के रहने वाले ही नहीं थे, मगर उन्होंने फिरोजपुर के फर्जी एडरैस डालकर यहां से हथियारों के लाइसैंस बनवाने से सियासत में काम आते थे। कई गैंगस्टरों के हथियारों के लाइसैंस भी फिरोजपुर के बने हुए थे और बहादुरगढ़ व महाराष्ट्र की पुलिस ने जब कुछ लोगों को बड़े-बड़े हथियारों के साथ गिरफ्तार किया तो पता चला कि बहुत से लाइसैंस फर्जी पतों पर फिरोजपुर से बने हुए हैं। 

 

फिरोजपुर में डोप टैस्ट शुरू होने से लाइसैंस बनवाने वाले पेरशानी में 
पंजाब सरकार की तरफ से हथियारों के लाइसैंस बनवाने और रिन्यू करवाने के लिए डोप टैस्ट आवश्यक किए जाने के बाद नशा करने वाले असला लाइसैंसधारक परेशानी में आ गए हैं और कई तो अपने हथियारों के लाइसैंस रिन्यू करवाने के लिए नहीं जा रहे हैं। 

पहले एक महीने में करीब 200 फाइलें बिकती थीं, मगर अब एक महीने में करीब 15 फाइलें बिकी हैं: अशोक बहल
सैक्रेटरी जिला रैड क्रॉस सोसायटी फिरोजपुर अशोक बहल ने बताया कि जिला रैड क्रॉस सोसायटी की तरफ से 10 हजार रुपए जमा रकने के बाद नए असला लाइसैंस के लिए फाइलें दी जाती हैं और पहले हर महीने करीब 200 लाइसैंसों की फाइलें बिकती थीं, मगर डोप टैस्ट शुरू होने के बाद इस एक माह के करीब 15 फाइलें बिकी हैं। 

आए दिन विवाह-शादियों में होती रहती है फायरिंग बेशक जिला मैजिस्ट्रेट फिरोजपुर की तरफ से विवाह-
शादी समारोह में हथियार लेकर चलने पर पाबंदी लगाई गई है, मगर फिर भी स्टेट्स सिंबल मानने वाले कई लोग विवाह शादी समारोह में अपने हथियार लेकर जाते हैं, जिनमें से कई लोग मैरिज पैलेस मालिकों की तरफ से रोकने पर भी नहीं रुकते और शराब पीकर खुलेआम फायरिंग करते हैं। 

पूर्व कांग्रेस विधायक महिन्द्र रिणवा की याचिका पर जांच शुरू की थी
फाजिल्का के पूर्व विधायक डा.महिन्द्र रिणवा ने माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में इस संबंधी याचिका दायर की थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने वर्ष 2003 में सी.बी.आई. को जांच के आदेश दिए थे। इसी दौरान सी.बी.आई. ने सारा रिकार्ड सील करते हुए 27 हजार 188 लाइसैंसों की जांच की, जिसमें से 3557 लाइसैंस रद्द कर दिए गए, क्योंकि जिन एडरैस पर असला लाइसैंस बने हुए थे, उन पतों पर लाइसैंस धारक रहते ही नहीं थे और उनका पता ही नहीं चल सका कि वे लोग कौन हैं। आज भी वे हथियार गैर-कानूनी तरीके से किन-किन के पास है, किसी को खबर नहीं है। इसी दौरान सी.बी.आई. ने कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों व एजैंटों सहित 49 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार हथियारों के शौकीन लोगों ने 10-10 लाख तक के हथियार ले रखे हैं। 

लोगों ने सरकार के इस फैसले की प्रशंसा की
एन.जी.ओ. चंद्र मोहन हांडा और एस.एस. सेठी ने सरकार के इस फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इससे नशा करने वाले लोगों के लाइसैंस नहीं बनेंगे और आम जनता की जान को खतरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों को सख्ती से लागू करना जरूरी है। 


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