पंजाब मंत्रिमंडल : हिंदुओं की भागीदारी बढ़ी, लेकिन फिर भी रहेगा जाटों का बोलबाला

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 09:28 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): पंजाब कैबिनेट के शनिवार को हुए विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में हिंदुओं की भागीदारी बढ़ाने बारे लंबे समय से चली आ रही मांग तो पूरी हो गई है लेकिन नए शामिल किए गए मंत्रियों के अनुपात के चलते एक बार फिर जाटों का बोलबाला ही रहेगा।

अगर पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो कांग्रेस को शहरी सीटों पर सबसे ज्यादा जीत मिली है जिसे लेकर कहा जाता रहा है कि 10 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए शहरी खासकर हिंदुओं का बड़ा योगदान है लेकिन उसके मुकाबले कैबिनेट का गठन करते हुए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने ब्रह्म महिंद्रा के रूप में सिर्फ  एक हिंदू मंत्री को ही लिया था जबकि जाट व दलित समुदाय के मंत्रियों की संख्या इससे काफी ज्यादा थी उसके मद्देनजर काफी समय से हिंदू मंत्रियों की संख्या में इजाफा करने की मांग की जा रही थी जो मांग उस समय और तेज हो गई जब चारों प्रमुख नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज की। 

बताया जा रहा है कि कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने बारे हुई चर्चा के दौरान भी उपरोक्त पहलुओं को आधार बनाया गया है जिसके तहत आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हिंदू मंत्रियों का कोटा पूरा करने का ध्यान रखा गया है, इसके तहत भारत भूषण आशु, विजय इंद्र सिंगला, ओ.पी. सोनी, सुंदर शाम अरोड़ा के रूप में 4 नए हिंदू मंत्री बनाए जा रहे हैं जिसके बाद पंजाब मंत्रिमंडल में हिंदू मंत्रियों का आंकड़ा 5 पर पहुंच गया है। अगर अब बने मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण की बात करें तो जाट मंत्री के रूप में सुखजिंद्र रंधावा सुख सरकारीया, गुरप्रीत कांगड़, बलबीर सिद्धू शामिल किए गए हैं जिससे पहले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को मिला कर नवजोत सिंह सिद्धू, तृप्त राजिंद्र बाजवा, मनप्रीत बादल के रूप में 4 जाट मंत्री हैं इस तरह से मंत्रिमंडल में पहले की तरह जाटों का बोलबाला ही रहेगा क्योंकि दलित समुदाय के साधु सिंह धर्मसोत, चरणजीत चन्नी के अलावा महिला मंत्रियों की संख्या में भी इजाफा नहीं किया गया है।


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