300 साल पुरानी इस सीढ़ी के जरिए लोग बचाते थे जान, जानिए गहरा राज (PICS)

punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 12:49 PM (IST)

सोलन (सतीश): आज हम आपको एक ऐसी सीढ़ी दिखाते हैं जिसका किसी जमाने में बेमिसाल इस्तेमाल होता था, मगर आज यह सीढ़ी सिर्फ निशानी बनकर रह गई है। यह तस्वीरें सिरमौर जिला के पझौता क्षेत्र की हैं। यहां पालू गांव में करीब 300 साल पुरानी ऐसी सीढ़ी मौजूद है, जिसका इस्तेमाल किसी जमाने मे सुरक्षा के मद्देनजर किया जाता था। दरअसल गांव में एक विशेष घर बनाया जाता था जहां इस सीढ़ी को लगाया जाता था।
PunjabKesari

गांव में जब भी डाकुओं का प्रवेश होता था तो ऐसे समय मे लोग इस सीढ़ी का इस्तेमाल कर उस घर के सबसे ऊपर वाले हिस्से में चढ़ जाते थे, जहां एक पत्थरों का ढेर लगाया जाता था। उसके बाद सीढ़ी पर चढ़ने की कोशिश करने वालों की ओर यह पत्थर बरसाए जाते थे। 
PunjabKesari

बताया जाता है कि पहले समय में यहां अकसर डकैती और लूटपाट की घटनाएं होती थी। गांव में खतरे के समय में खासकर बच्चे और महिलाओं को इस सीढ़ी के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाता था। इसे सबसे महफूज स्थान माना जाता था। सीढ़ी तक पहुंचने से पहले लकड़ी का एक मोटा दरवाजा लगाया जाता था, जिसे खोलना भी कोई आसान बात नहीं थी। दरवाजे को अंदर से एक मोटी लकड़ी के जरिए बंद किया जाता था। जैसा कि तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है।
PunjabKesari

खास बात यह भी है कि इस सीढ़ी को देवदार कि सिर्फ एक लकड़ी से खुरच कर बनाया जाता था जो सालों साल तक खराब नहीं होती थी। 1942 में हुए पझौता आंदोलन के दौरान भी इस तरह की सीढ़ियां सुरक्षा में बेहद कारगर साबित हुई थी। लोगों ने इन सीढ़ियों के जरिए अपनी सुरक्षा की। वही लोगों का कहना है कि सफाई के दौरान इनके आस-पास से गोलियां भी बरामद हुई। सच में यह सीढ़ी अपने आप में अनूठी है। आज इसका कोई इस्तेमाल नहीं रह गया है बल्कि यह एक निशानी बनकर रह गई है।​
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ekta

Recommended News

Related News