लाइन लॉस के चक्कर में गर्मी ने उड़ाए होश, फाल्ट के नाम पर बंद कर दी जाती है बिजली आपूर्ति

punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 10:28 AM (IST)

पंचकूला(धरणी): प्रदेश में जिस तरह से गर्मी के तेवर बने हुए हैं, बिजली की मांग में भी वृद्धि होने लगी है। जहां बड़े-बड़े घरों व कार्यालयों में ए.सी. चलने शुरू हो गए हैं, वहीं आम आदमी ने भी अपने पंखे व कूलर साफ कर काम में लेने शुरू कर दिए हैं। जहां एक ओर कृषि क्षेत्र को जाने वाली बिजली को फिलहाल गेहूं कटाई के चलते बंद रखा जा रहा है, बावजूद इसके आम जनता को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। जहां सरकार जनता को भरपूर बिजली उपलब्ध करवाने के दावे कर रही है, वहीं जनता को केवल बड़े-बड़े बिल ही मिल रहे हैं जिन्हें ठीक करवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

प्रदेश में जहां नो डिमांड के चलते विभिन्न थर्मलों की कई यूनिटों में उत्पादन बंद रखा जा रहा है, वहीं हकीकत इससे परे हैं। हरियाणा के 22 जिलों में सबसे ज्यादा बिजली की खपत शुक्रवार शाम 4.40 बजे गुरुग्राम में 781 मैगावाट रही जबकि सबसे कम रेवाड़ी में 46 मैगावाट रही है। रात्रि के समय बिजली की खपत में तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है। बिजली निगम के अधिकारी भी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं कि बिजली की आपूर्ति उतनी नहीं हो पा रही है जितनी जरूरी है। ये कदम मजबूरी में उठाए जा रहे हैं क्योंकि सरकार की ओर से लाइन लॉस कम करने का दबाव है। ऐसे में उन क्षेत्रों में बिजली के ज्यादा कट लगाए जा रहे हैं जहां लाइन लॉस की स्थिति गंभीर है।

लाइन फाल्ट के नाम पर बंद कर दी जाती है बिजली आपूर्ति
प्रदेश में सैंकड़ों ऐसे गांव हैं जहां बिजली 24 घंटे में से मात्र 8 से 10 घंटे ही दी जा रही है। निगम के सूत्रों अनुसार बिजली की आपूर्ति लाइन लॉस के हिसाब से तय है। जिन क्षेत्रों में लाइन लॉस जितना ज्यादा, कट भी उतने ही ज्यादा हैं। जैसे 25 से 30 प्रतिशत तक लाइन लॉस होने पर कट 3 से 4 घंटे, 35 से 45 प्रतिशत तक लाइन लॉस होने पर कट 5 से 6 घंटे तथा जहां पर लाइन लॉस 50 से 60 प्रतिशत तक है वहां पर अघोषित कट 8 से 10 घंटे तक लगाए जा रहे हैं। रोचक बात यह है कि जहां पर जनता अघोषित कटों का विरोध करती है, वहां पर लाइनों में फाल्ट बताते हुए लाइन ठीक करने का दिखावा करते हुए लम्बे समय तक बिजली बंद रखी जाती है और फिर फाल्ट ठीक करने का दावा कर बिजली आपूर्ति बहाल की जाती है।


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Deepak Paul

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