छोटी बच्चियों से बलात्कार करने वालों को अब होगी फांसी

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 11:52 PM (IST)

नई दिल्ली: 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चों-बच्चियों से बलात्कार करने वालों को अब फांसी की सजा दी जाएगी। मोदी सरकार ने छोटी बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए यह कड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने बच्चियों से रेप करने वालों को को मौत की सजा देने संबधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इन मामलों में जांच का काम 3 महीनों में पूरा करना होगा। विदेश से लौटने के बाद मोदी ने दो महत्वपूर्ण अध्यादेश पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई। एक अध्यादेश छोटी बच्चियों से रेप करने के वाले दोषियों को मृत्यदंड देने संबधित था। दूसरा अध्यादेश सदिंग्ध अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के प्रवाध संबधित था, जो कि अपराधी देश से भाग गए। उन्नाव और कठुआ में हाल ही मेें हुए बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं से देश भर में रोष प्रकट किया गया है और यह मांग की गई कि ऐसा कानून बनाया जाए जिससे दोषियों को मौत की सजा अनिवार्य हो। 
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क्या है POCSO एक्ट 

1. 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव इस कानून के दायरे में आता है।ये कानून लड़के और लड़की को दोनों के लिए एक समान है।

2. 2012 में बने इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है।  

3.  इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है।

4.पोक्सो कनून के तहत सभी अपराधों की सुनवाई, एक विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे के सामने बच्चे के माता पिता या जिन लोगों पर बच्चा भरोसा करता है, उनकी मौजूदगी में सुनवाई का प्रावधान है।

5. अगर कोई शख्स किसी बच्चे के शरीर के किसी भी हिस्से में प्राइवेट पार्ट डालता है तो ये सेक्शन-3 के तहत अपराध है। इसके लिए धारा-4 में सजा तय की गई है।

6. अगर अपराधी ने कुछ ऐसा अपराध किया है जो कि बाल अपराध कानून के अलावा किसी दूसरे कानून में भी अपराध है तो अपराधी को सजा उस कानून में तहत होगी जो कि सबसे सख्त हो।

7.अगर कोई शख्स किसी बच्चे के प्राइवेट पार्ट को टच करता है या अपने प्राइवेट पार्ट को बच्चे से टच कराता है तो धारा-8 के तहत सज़ा होगी।।

8. अगर कोई शख्स बच्चों के सामने सेक्सुअल हरकतें करता है, या उसे ऐसा करने को कहता है, पोर्नोग्राफी दिखाता है तो 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा होगी।

9. इस अधिनियम में ये भी प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति ये जानता है कि किसी बच्चे का यौन शोषण हुआ है तो उसके इसकी रिपोर्ट नजदीकी थाने में देनी चाहिए, यदि वो ऐसा नही करता है तो उसे छह महीने की कारावास की सज़ा हो सकती है।

10.अधिनियम में ये भी कहा गया है कि बच्चे के यौन शोषण का मामला घटना घटने की तारीख से एक साल के भीतर निपटाया जाना चाहिए।


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Anil dev

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