नकदी संकटः RBI की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 02:44 PM (IST)

नई दिल्लीः कई स्थानों पर नोट की तंगी होने की वजह से रिजर्व बैंक के आकलन की योग्यता पर सवाल उठने लगा है। यह सवाल देश के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने तो उठाया ही है, सरकारी अधिकारी भी इस तरह की बातें करने लगे हैं। हालांकि रिजर्व बैंक ने इस तरह की किसी भी बात को सिरे से खारिज किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे प्रकरण में रिजर्व बैंक के आकलन की योग्यता पर सवाल उठता है। उसका काम बैंकिंग क्षेत्र का नियमन तो है ही, अर्थव्यवस्था में नोट की कितनी मांग है, इसका आकलन कर उस हिसाब से करेंसी नोट छपवाने का प्रबंध करना भी है लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस बारे में रिजर्व बैंक का प्रदर्शन ठीक नहीं लग रहा है।

बीते जून से नहीं छप रहा है 2000 रुपए का नोट
सूत्र के मुताबिक बीते जून से ही रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट छपवाने बंद कर दिए। इसके अलावा 500 रुपए के नोट भी बहुत कम छप रहे हैं। 100 रुपए का तो नया नोट अभी आया ही नहीं है। इसलिए नोट छापने वाले प्रेस ले दे कर 10, 20 और 50 रुपए के नोट छाप रहे हैं। पर्याप्त काम नहीं रहने से करेंसी नोट प्रेस में कर्मचारियों का भी इंसेंटिव प्रभावित होता है।

RBI ने आरोप को किया खारिज
रिजर्व बैंक के प्रवक्ता से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज किया। उनका कहना है कि यह आरोप गलत है, रिजर्व बैंक अपना काम बेहतर ढंग से कर रहा है और आकलन में कहीं कोई खामी नहीं है। अप्रैल के पहल पखवाड़े में जो नोट की किल्लत हुई, उसके पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। अब पूरे देश में नोटों की किल्लत दूर हो गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News