महाभियोग को लेकर भड़के जेतली, कहा- जजों को डराना चाहती है कांग्रेस

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 05:20 AM (IST)

नेशनल डेस्क: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग मामले को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेतली की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके मित्रों ने महाभियोग को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया है और इससे स्पष्ट है कि न्यायाधीश लोया मामले में याचिका न्यायाधीशों को डराने के लिये दायर की गई। वित्त मंत्री ने अपने ब्लाग में लिखा कि जज लोया केस में कांग्रेस पार्टी के झूठे प्रोपेगेंडा की पोल खुल गई है और उसी का बदला लेने के लिए यह महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है।

न्यायाधीश लोया मामले में स्थिति हुई स्पष्ट
जेतली ने कहा कि यह न्यायाधीशों को डराने और दूसरे न्यायाधीशों को संदेश देने का प्रयास है कि अगर आप मेरी बात से सहमत नहीं होंगे तब 50 सांसद बदले की कार्रवाई के लिये पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ आरोप पुराने और महत्वहीन हैं और इनका न्यायिक कामकाज से कुछ भी लेनादेना नहीं है। वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि महाभियोग बारे में कोई भी निर्णय पार्टी लाइन या व्हीप के आधार पर नहीं किया जा सकता है। जेतली ने कहा कि अब जबकि न्यायाधीश लोया के मामले में स्थिति स्पष्ट हो गई है तब मेरे मन में कुछ बातें सामने आ रही हैं। प्रेस कांफ्रेंस करने वाले उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीश सभी अनुभवी और उच्च गारिमा वाले व्यक्ति हैं। क्या उन्होंने टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की जांच परख की?   

महाभियोग को हथियार बना रही कांग्रेस 
वित्त मंत्री ने सवाल किया कि क्या आज पेश महाभियोग का प्रस्ताव उस प्रेस कांफ्रेंस का सीधा परिणाम था? क्या महाभियोग की पहल यह चलन स्थापित करता है कि भारत में राजनीतिक दल महाभियोग को विवादास्पद मामलों में न्यायाधीशों को डराने के हथियार के रूप में इस्तेमाल करेंगे? उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ लोगों के दुस्साहस की कीमत भारतीय न्यायपालिका को चुकानी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों ने आज भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर ‘गलत आचरण’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को महाभियोग का नोटिस दिया है। महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 71 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें सात सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं।


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vasudha

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