जाट आंदोलन से जुड़े केसों को वापस लेने पर होम सैक्रेटरी से जवाब-तलब

punjabkesari.in Thursday, Apr 19, 2018 - 12:08 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): जाट आंदोलन के दौरान वर्ष 2016 में हरियाणा राज्य में दर्ज केसों को वापस लेने के सरकार के प्रयास पर हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी को एफिडेविट पेश करने को कहा है। डिवीजन बेंच ने अपने आदेशों में कहा है कि उन केसों की संख्या व लगाई गई आपराधिक धाराओं की जानकारी प्रदान करें जिन्हें वापस लेने की कार्रवाई की जा रही है। मुरथल गैंगरेप केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए। इस जानकारी के आधार पर हाईकोर्ट देखेगी कि क्या वह केस भी गम्भीर प्रवृत्ति के हैं जिन्हें वापस लेने की सोची जा रही है। मामले में एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता ने सरकार द्वारा केसों को वापस लेने की कार्रवाई के सम्बंध में छपी खबरों का हवाला दिया। गुप्ता ने कहा कि गम्भीर प्रवृत्ति के केसों को वापस लेने की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। 

उन्होंने प्रकाश सिंह कमेटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए हाईकोर्ट को बताया कि कमेटी ने जिलों के हिसाब से अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी जिनमें हत्या, गोलीकांड, आगजनी सहित व्यापक स्तर पर हिंसक घटनाओं का जिक्र था। उन्होंने मांग रखी कि होम सैक्रेटरी को उन केसों की जानकारी मुहैया करवाने के आदेश जारी किए जाएं जिन्हें वापस लेने पर विचार किया जा रहा है। वहीं, हाईकोर्ट ने उन 5 केसों को छोड़कर जिन्हें सी.बी.आई. देख रही है और मुरथल कांड को छोड़कर एस.आई.टी. हैड आई.पी.एस. ऑफिसर अमिताभ ढिल्लों को हिंसक घटनाओं से जुड़े बाकी केसों के सम्बंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। 

हाईकोर्ट को बताया गया कि अक्तूबर के बाद से कोई रिपोर्ट पेश नहीं हुई है। मामले में एस.आई.टी. का गठन उस दौरान हाईकोर्ट के आदेशों पर किया गया था जब हाईकोर्ट के समक्ष जानकारी दी गई कि रोहतक जिले के 1205 केसों में से 921 केसों में अनट्रेस रिपोर्ट तैयार की गई मगर फाइल नहीं की गई। 184 केसों में रिपोर्ट तैयार ही नहीं की गई। 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 81 केसों में पुलिस रिपोर्ट दायर की गई। ऐसे में 1105 केस  रह गए। 


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Deepak Paul

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