अक्षय तृतीया: घर लाएं ये चीज, बनेंगे अमीर

punjabkesari.in Monday, Apr 16, 2018 - 10:22 AM (IST)

अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी की चीजें खरीदी जाती हैं। मान्यता है कि उनसे बरकत आती है। यदि आप भी बरकत चाहते हैं तो इस दिन सोने या चांदी की लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें क्योंकि जहां लक्ष्मी के चरण पड़ते हैं, वहां अभाव नहीं रहता। लक्ष्मी चरण पादुका जहां भी स्थापित कि जाती है वहां से समस्याओं का नाश होता है। इसकी स्थापना से धनाभाव खत्म होकर स्थाई धन संपत्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। 


लक्ष्मी जी के चरणों का रहस्य: शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी के चरणों में सोलह शुभ चिन्ह होते हैं। यह चिन्ह अष्ट लक्ष्मी के दोनों पावों से उपस्थित 16 (षोडश) चिन्ह है जो के 16 कलाओं का प्रतीक हैं। शास्त्रों में मां लक्ष्मी को षोडशी भी कहकर पुकारा जाता है। ये सोलह कलाएं हैं 1.अन्नमया, 2.प्राणमया, 3.मनोमया, 4.विज्ञानमया, 5.आनंदमया, 6.अतिशयिनी, 7.विपरिनाभिमी, 8.संक्रमिनी, 9.प्रभवि, 10.कुंथिनी, 11.विकासिनी, 12.मर्यदिनी, 13.सन्हालादिनी, 14.आह्लादिनी, 15.परिपूर्ण, 16.स्वरुपवस्थित। 


शास्त्रों में चंद्रमा की सोलह कलाओं का भी वर्णन आता है। चंद्रमा की सोलह कलाएं हैं अमृत, मनदा, पुष्प, पुष्टि, तुष्टि, ध्रुति, शाशनी, चंद्रिका, कांति, ज्योत्सना, श्री, प्रीति, अंगदा, पूर्ण और पूर्णामृत का उल्लेख है। 


वास्तवकिता में ये सोलह कलाएं सोलह तिथियां हैंं जिसके क्रम में अमावस्या एकम से लेकर चतुर्दशी तथा पूर्णिमा। लक्ष्मी चरण पादुका के लक्ष्मी के षोडशी रूप के 16 चिन्ह इस प्रकार हैं 1.प्राण, 2.श्री, 3.भू, 4.कीर्ति, 5.इला, 5.लीला, 6.कांति, 7.विद्या, 8.विमला, 8.उत्कर्शिनी, 9.ज्ञान, 10.क्रिया, 11.योग, 12.प्रहवि, 13.सत्य, 14.इसना 15.अनुग्रह, 16.नाम। अष्ट लक्ष्मी के दोनों चरणों में इस सोलह कलाओं के प्रतीक चिन्ह स्थापित होते है।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Aacharya Kamal Nandlal

Recommended News

Related News