100 करोड़ रुपए के पुराने नोट बरामद, फिर भी कोई नहीं हुआ गिरफ्तार

punjabkesari.in Sunday, Apr 15, 2018 - 09:02 AM (IST)

कानपुर: कुछ महीने पूर्व राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से 100 करोड़ रुपए के पुरानी करंसी नोट बरामद किए थे। पुरानी करंसी नोटों के इतनी बड़ी संख्या में मिलने से हड़कम्प पैदा हो गया और केन्द्रीय खुफिया एजैंसी भी हरकत में आ गई।

केन्द्र सरकार को सबसे बड़ी चिंता यह सताने लगी कि यह करंसी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक केन्द्र कानपुर से बरामद हुई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और आयकर विभाग की एक टीम भी इस मामले की सच्चाई जानने के लिए जांच में जुट गई। एन.आई.ए. ने यह धनराशि तालाबंद मकान से बरामद की। उन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया जिन्होंने इन पुराने नोटों को बदलने का आश्वासन दिया था।

एन.आई.ए. के अधिकारी नगर में गए और उन्होंने दावा किया कि यह आतंकवादी ग्रुपों से संबंधित धनराशि है। वास्तव में यह धनराशि 2 स्थानों से बरामद की गई। पहले स्थान से 36 करोड़ रुपए मिले और दूसरे स्थान से बाकी की राशि मिली। कुछ ही सप्ताह में जिन 9 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें एन.आई.ए. द्वारा चुपचाप रिहा कर दिया गया कि उनका इस मामले के साथ कोई संबंध नहीं और न ही यह राशि उनकी है। ये व्यक्ति किसी भी आतंकवादी ग्रुप से संबंधित नहीं। अब यह चर्चा है कि जम्मू-कश्मीर के एक मुखबिर की तरफ से ही एन.आई.ए. को इस धनराशि के बारे में सूचना मिली थी।

मुखबिर ने कहा था कि यह धनराशि कानपुर में छिपाई गई है। सूचना मिलने के  बाद एन.आई.ए. के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस की मदद से मकान पर छापा मारा था। जांच करने के बाद यह बात सामने आई है कि यह धनराशि एक राजनीतिक पार्टी और एक व्यापारी से संबंधित है। इस पर एन.आई.ए. ने अपने पैर पीछे खींच लिए और इस संबंध में न तो यू.पी. पुलिस और न ही एन.आई.ए. ने प्रैस विज्ञप्ति जारी की है।


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