संसद में PM मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, पढ़िए भाषण की 10 बड़ी बातें
punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2019 - 06:43 PM (IST)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए मंगलवार को कहा कि उसकी 'ऊंचाई' उसे मुबारक हो, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सपना जड़ों से जुड़ने का है तथा पार्टी गरीबों के कल्याण और विकास के साथ ही देश को विकास की पटरी पर आगे ले जाने के लिए काम कर रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर करीब 13 घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र का सपना अनेक महापुरुषों ने देखा है। उसे पूरा करने के लिए मिलजुलकर आगे बढ़ना समय की आवश्यकता है। देश की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में हर बाधा को हम पार कर सकते हैं।''
भाषण के प्रमुख अंशः
- 1.हमें इसलिए कोसा जा रहा है कि हमने फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। ये इमरजेंसी नहीं है कि किसी को भी जेल में डाल दिया जाए, ये लोकतंत्र है। ये काम न्यायपालिका है। हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिलती है तो वो इंजॉय करे। हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे।
- 2.हमारे देश में पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं। लेकिन हमने ही अपने देश के विषय में एक हीन भाव पैदा कर दी थी और उसी कारण विश्व के लोगों को हिंदुस्तान की तरफ आकर्षित करने में हम कम पड़ गए। स्वच्छता अभियान ने अब पर्यटन को बल दिया है, जिससे भारत में रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
- 3.मेक इन इंडिया का मजाक उड़कार कुछ लोगों को भले ही रात को अच्छी नींद आ जाए लेकिन इससे देश का भला तो नहीं हो पाएगा। मेक इन इंडिया का आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। हमारा सपना नया भारत बनाना है जिसके लिए मेक इन इंडिया जरूरी है।
- 4.हमने इस बार जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। जल संकट को हमने गंभीरता से लेना होगा। जल संचय पर हमने पूरा ध्यान देना होगा। पानी बचाना है, ये काम करके हम सामान्य मानवी की जिंदगी को बचा सकते हैं। पानी का संकट दूर करके हम गरीबों और माताओं को बड़ी सहुलियत दे सकते हैं।
- 5.मुझे कभी लगता है कि अगर 125 करोड़ देशवासियों के सपनों को अगर मुझे जीना है, तो मुझे छोटा सोचने का हक़ भी नहीं है और इसलिए जब हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तो देखना फिजूल है कद आसमान का।
- 6.आज 25 जून को हम लोकतंत्र के लिए प्रति हमारे समर्पण, संकल्प को और ताकत के साथ समर्पित करना होगा। जो-जो भी इस पाप के भागीदार थे, ये दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार इसलिए स्मरण करने की जरूरत है ताकि फिर कोई ऐसा पाप न कर सके। 25 जून की वो रात जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है। किसी की सत्ता चली न जाए सिर्फ इसके लिए, उस आत्मा को कुचल दिया था।
- 7.मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटल जी की सरकार की तारीफ की हो। उनकी छोड़ों नरसिम्हा राव जी की सरकार की तारीफ की हो। इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह जी की सरकार का जिक्र तक नहीं किया, अगर किया हो तो बताएं।
- 8.मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि 70 साल से चली आ रही बीमारियों को दूर करने के लिए हमने सही दिशा पकड़ी और काफी कठिनाइयों के बाद भी उसी दिशा में चलते रहे।हम उस मकसद पर चलते रहे और ये देश दूध का दूध पानी का पानी कर सकता है ये सबने देखा।
- 9.चर्चा के प्रारम्भ में पहली बार सदन में आए डॉ प्रताप सारंगी जी और आदिवासी समाज से आयी हमारी बहन हिना गावित जी ने जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा।
- 10.ये कोई जीत या हार का प्रश्न नहीं है। ये जीवन की उस आस्था का विषय है, जहां कमिटमेंट क्या होता, डेडिकेशन क्या है, जनता के लिए जीना-जूझना-खपना क्या होता है।और जब पांच साल की अविरत तपस्या का संतोष मिलता है तो वो एक अध्यात्म की अनुभूति करता है।