मेजर विजय सिंह मनकोटिया बोले-हिमालयन नहीं हिमाचल रैजीमैंट का हो गठन

punjabkesari.in Saturday, Jun 22, 2019 - 09:08 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): पूर्व सैनिक लीग के प्रदेशाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने कहा कि प्रदेश को हिमालयन नहीं, हिमाचल रैजीमैंट की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र जम्मू-कश्मीर से लेकर सिक्किम तक विस्तृत है तथा इन क्षेत्रों से संबंधित अनेक रैजीमैंट पहले ही सेना में हैं। उन्होंने कहा कि कुमाऊं, गढ़वाल व लद्दाख स्काऊट्स जैसी कई रैजीमैंट सेना में पहले से ही हैं। ऐसे में हिमाचल के लिए हिमाचल रैजीमैंट का गठन किया जाना चाहिए।

हिमाचल रैजीमैंट की मांग काफी पुरानी तथा तर्कसंगत

पालमपुर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल रैजीमैंट की मांग काफी पुरानी तथा तर्कसंगत है। हिमाचल से बड़ी संख्या में लोग सेना में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल से संबंधित रणबांकुरों ने सेना में अपने अदम्य साहस के कारण एक विशेष पहचान बनाई है तथा सेना के अनेक मैडल हिमाचल से संबंधित सैनिकों को उनके अदम्य साहस के लिए मिले हैं, ऐसे में हिमाचल रैजीमैंट का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए गए तथा वर्तमान सरकार ने भी इस मुद्दे को दृढ़ता से उठाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय होगा तथा हिमाचल रैजीमैंट का गठन किया जाएगा।

30 जनवरी से पहले पुन: रोजगार प्राप्त पूर्व सैनिकों से वापस न लें सुविधा

उन्होंने कहा कि पुन: रोजगार प्राप्त पूर्व सैनिकों को पूर्व में पदोन्नति में दिए गए लाभ को वापस लेने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात इस मामले को उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया है। मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में 30 जनवरी, 2019 को जारी अधिसूचना के पश्चात पूर्ण रोजगार प्राप्त करने वाले पूर्व सैनिकों को ही इससे वंचित किया जाए तथा पूर्व में जिन्हें यह सुविधा मिल चुकी है, उनसे यह सुविधा वापस न ली जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी हाल ही में डिमोशन न करने की बात कही है। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उसी के अनुरूप निर्णय लेंगे तथा शीघ्र ही उनके समक्ष ही इस मामले को दृढ़ता से रखा जाएगा।

वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में कांग्रेस को डुबोया

उन्होंने वीरभद्र सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के रसातल में जाने का कारण पार्टी हाईकमान द्वारा हिमाचल में कांग्रेस को वीरभद्र की झोली में डालना है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह कांग्रेस तथा कांग्रेस की टीम के कारण मुख्यमंत्री बने परंतु 6 बार मुख्यमंत्री बनने का दावा करने वाले वीरभद्र सिंह कभी भी मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस को चुनावों में रिपीट करवाने में सफल नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि नेतृत्व की कमजोरी तथा वीरभद्र पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण कांग्रेस हिमाचल में कमजोर हुई। उन्होंने कहा कि वीरभद्र पर लगे आरोपों के पश्चात केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा वीरभद्र सिंह पर शिकंजा कसा गया तथा इन लोकसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस की तारीफ  न कर भाजपा की तरफदारी की तथा अपने प्रत्याशियों की आलोचना करते रहे।

पंडित सुखराम को वापस लाना कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हुआ

उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम को वापस कांग्रेस में लाना तथा उनके पोते को टिकट दिए जाने का समझौता कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हुआ, वहीं कांग्रेस ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भी एक कमजोर प्रत्याशी मैदान में उतारा। उन्होंने कहा कि हिमाचल में नए नेतृत्व के बलबूते कांग्रेस की स्थिति को सुधारा जा सकता है परंतु यह भी आसान कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी संकट चल रहा है तथा राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष रहेंगे या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पतन की ओर अग्रसर है, जो एक दुखद बात है।


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Vijay

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