संकष्टी चतुर्थी: हर संकट की काट हैं ये उपाय
punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 10:34 AM (IST)
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आज आषाढ़ मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि है। हर माह इस दिन गणेश चतुर्थी व्रत किए जाने का विधान है। कहते हैं संकष्टी चतुर्थी संकटों को खत्म करने वाली चतुर्थी है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और उपाय आदि हर संकट की काट होते हैं। वैसे तो हर शुभ काम से पहले गणेश जी के पूजन का विधान है लेकिन आज के दिन आप स्पैशल पूजा से बप्पा को प्रसन्न कर अपने हर कष्ट से मुक्त हो सकते हैं। भगवान गणेश की प्रतिमा ईशान कोण में रखनी चाहिए। पूजा में जल, अक्षत, दूर्वा, मोदक, पान, गुड़, धूप-दीप आदि रखें। अंत में मोदक का भोग लगाकर आरती करें। रात के समय चंद्रमा को शहद और जल से अर्घ्य दें। चंदन व रोली अर्पित करें। इस दिन भिन्न-भिन्न राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ये उपाय करने चाहिए-
मेष- श्री गणेश के मंत्र “ऊँ ह्रीं ग्रीं ह्रीं” का जाप करें।
वृष- पानी वाला नारियल लेकर उस पर कलावा बांध कर बहते जल में बहा दें।
मिथुन- संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें या सुनें।
कर्क- गणेश जी के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं, “ऊं गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
सिंह- गणेश जी के मन्दिर में सिन्दूर चढ़ाकर धूप-दीप करें।
कन्या- गऊशाला में चारे का दान करें।
तुला- श्री गणेश के मंत्र ‘ऊँ विघ्नेश्वराय नमः' का जाप करें।
वृश्चिक- भगवान गणेश को हल्दी का तिलक लगाएं।
धनु- पान के पत्ते पर सुपारी का जोड़ा रखकर गणेश जी को अर्पित करें।
मकर- गणेश जी की पूजा करने के बाद आरती करें।
कुंभ- गणेश जी के आगे देसी घी का दीपक जलाएं और मोदक का भोग लगाएं।
मीन- रंग-बिरंगे फूलों का हार दूर्वा सहित गणेश जी को चढ़ाएं।