दुनिया के सबसे अमीर देश में 28 साल बाद सड़कों पर उतरी महिलाएं, जलाए अंडरगारमैंट्स

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2019 - 12:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत मे ही नहीं बल्कि नियाभर में महिलाएं गैर-बराबरी के साथ-साथ यौन हिंसा व उत्पीड़न की शिकार हो रही हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया के सबसे अमीर देशों में शामिल स्विट़जरलैंड भी इस वक्त इन मुद्दों से अछूता नहीं है। यहां लाखों महिलाएं गैर-बराबरी और अपने खिलाफ होने वाली हिंसा के विरोध में सड़क पर उतर आई हैं।

PunjabKesari

शुक्रवार को यहां हुए महिलाओं के प्रदर्शन को ‘पर्पल वेव’ नाम दिया गया, क्योंकि इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुई महिलाओं ने पर्पल रंग को चुना था। लौसेन शहर में हजारों महिलाओं ने मार्च निकाला व अपने अंडरगारमैंट्स को आग लगा दी। यौन हिंसा के खिलाफ विरोध जताते हुए एक जगह उन्होंने लकड़ियों में आग लगाई और फिर उसमें अपनी टाई और अंत:वस्त्रों को फेंक दिया। सोशल मीडिया पर इस purple-wave प्रदर्शन की खूब चर्चा हो रही है।

PunjabKesariबता दें कि स्विटजरलैंड दुनिया के 9वें सबसे संपन्न देश है। यहां लैंगिक असमानता, कार्यस्थल पर भेदभाव, पुरुष के समान ही वेतन व मौकों की मांग को लेकर करीब 15 लाख महिलाएं सड़कों पर उतरी हुई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक स्विटजरलैंड में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी कम वेतन मिलता है। इसके अलावा महिलाओं ने यौन उत्पीड़न व हिंसा के खिलाफ भी यह मार्च निकाला हुआ है। वे अपने खिलाफ हो रहे हिंसा को लेकर जीरो टॉलरेंस का रवैया चाहती हैं।

PunjabKesari

स्विटजरलैंड के 12 शहरों में महिलाएं अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरी हुई हैं। इस मार्च में सभी क्षेत्र में काम कर रही महिलाएं शामिल हैं। स्विटजरलैंड में यह 28 साल बाद महिलाओं का सबसे बड़ा प्रदर्शन रहा। इससे पहले साल 1991 में गैर बराबरी के खिलाफ करीब 5 लाख महिलाएं सड़क पर उतरी थीं। अधिकार समूहों का कहना है कि साल 1991 में हुए महिलाओं के प्रदर्शन के करीब तीन दशक बाद उनकी स्थिति में बमुश्किल ही सुधार हुआ है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News