चंबल के पानी से चलती हैं यमुना की सांसें

punjabkesari.in Monday, May 27, 2019 - 12:52 PM (IST)

इटावाः उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा को जोड़ने वाले दुर्गम बीहड़ो के बीच से कल कल बहती चंबल नदी का जल देश की सबसे प्रदूषित समझी जाने वाली यमुना नदी को जीवनदान देता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश के इटावा तक सबसे बुरे हालात से गुजर रही यमुना नदी को चंबल नदी का जल एक नई राह दिखाता है।

असल मे चंबल नदी इटावा जिले के भरेह में यमुना नदी में समाहित हो जाती है, जहां से यमुना नदी के दशा सुधर जाती है। पर्यावरणीय संस्था सोसायटी फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के सचिव संजीव चौहान एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताते है कि यमुना नदी का सबसे प्रदूषित हिस्सा दिल्ली से उत्तर-प्रदेश के इटावा तक है। अध्ययन रिपोर्ट मे कहा गया है कि पोंटा (हिमाचल प्रदेश) से प्रतापपुर (यूपी) के बीच 12 जगहों से पानी लिया गया। इनमें पोनटा (हिमाचल प्रदेश), कलानौर (हरियाणा), मावी (यूपी), पल्ला (दिल्ली), मोहना (यूपी), मथुरा (यूपी), आगरा (यूपी), इटावा (यूपी) जैसी जगह शामिल हैं।

यह नमूने लगातार दो साल 2014 और 2015 में लिए गए और वैज्ञानिकों ने उसकी रिपोर्ट तैयार की। इसी रिपोर्ट के आधार पर अब यह दावा किया गया है कि दिल्ली से इटावा के बीच यमुना सबसे अधिक प्रदूषित है। इन सैंपलों को कई मापदंडों पर परखा गया। जिसमें तापमान, पीएच, डिजाल्वड आक्सीजन, बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड, टोटल डिजाल्वड सालिड आदि शामिल हैं । इस जांच के रिजल्ट के बाद इन बिंदुओं पर पानी को इंडियन वाटर क्वालिटी स्टैंटडर्ड पर रखा गया।
 


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Tamanna Bhardwaj

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