इलैक्ट्रिक बस प्रोजैक्ट : कंपनियों की राय के बाद आर.एफ.पी. हुई चेंज

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2019 - 03:39 PM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में इलैक्ट्रिक बसें चलाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। यही कारण है कि प्रशसन ने 40 बसें चलाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आर.एफ .पी.) जारी कर दी थी। प्रोजैक्ट के लिए इच्छुक कंपनियों और एजैंसियों के साथ मीटिंग की गई, जिसके चलते इन कंपनियों की इंक्वायरी के बाद प्रशासन की आर.एफ.पी. में बदलाव आ गया है। 

 

यही कारण है कि अब प्रशासन ने इसकी डेट बढ़ा दी है। इच्छुक कंपनियां अब 24 मई तक आवेदन कर सकेंगी। ट्रांसपोर्ट सैके्रटरी अजय कुमार ने बताया कि कंपनियों के साथ मीटिंग के बाद इस प्रोजैक्ट के आर.एफ.पी. में कुछ बदलाव आया है, जिसके चलते ही आवेदन की डेट को बढ़ा दिया है। 

 

उन्होंने कहा कि वह प्रयास कर रहे हैं कि यह प्रोजैक्ट शहर में जल्द से जल्द शुरू किया जा सके, क्योंकि शहर में बढ़ते प्रदूषण को  देखते हुए इलैक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट करना और उन्हें चलाना जरूरी हो गया। 

 

प्रोजैक्ट से मुनाफा नहीं 
इलेक्ट्रिक बसें सी.टी.यू. किसी तरह का मुनाफा कमाने की दृष्टि से नहीं चला रहा है। बल्कि यह बसें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक बेहतर और मजबूत विकल्प देने के लिए चलाई जा रही हैं। जिससे पर्यावरण को नुकसान होने से बचेगा, साथ ही लोगों को इलैक्ट्रिक बसों का बेहतरीन सफर करने का मौका मिलेगा। 

 

फुल चार्ज एक बस करीब  200 किलोमीटर चल सकेगी। इस हिसाब से 40 बसें चलाने पर सी.टी.यू. को सालाना करीब 2 करोड़ रुपए अपनी तरफ  से खर्च करना होगा। हालांकि इस राशि में कुछ ऊपर नीचे बदलाव हो सकता है। 

 

प्रशासन ने बसों का लिया था ट्रायल
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) टाटा की नॉन एसी और गोल्डस्टोन की एसी इलैक्ट्रिक बस का ट्रायल ले चुका है। इन बसों के लिए ट्रायल को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट ने सफल बताया था और इसके बाद ही आगे मिनिस्ट्री को इसकी फाइल भेज दी थी।
 

माइलेज के मामले में ये बसें डीजल बसों से आधे से भी कम खर्च पर चलती हैं। ट्रायल के दौरान इलैक्ट्रिक बस ने चार से पांच रुपए में एक किलोमीटर की दूरी तय की थी। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

pooja verma

Recommended News

Related News