BJP में सबके हाथ बंधे, होंठ सिले: चंदेल

punjabkesari.in Wednesday, Apr 24, 2019 - 09:42 AM (IST)

बिलासपुर/धर्मशाला (सौरभ/बंशीधर): हमीरपुर के पूर्व सांसद और अब कांग्रेस के नेता सुरेश चंदेल ने भाजपा छोड़ने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए वर्तमान भाजपा नेतृत्व पर बड़ा हमला किया है। दिल्ली से विशेष बातचीत में चंदेल ने कहा कि भाजपा में इस समय संवाद व संभाल की कमी है। पार्टी में सबके हाथ बंधे व होंठ सिले हैं। वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैंने 30 साल भाजपा की सेवा की है। पार्टी की ऐसी हालत पर तरस आता है। लंबी उधेड़बुन के बाद कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर पूर्व सांसद ने कहा कि वह बीते सवा साल से भाजपा में अपनी भूमिका के लिए पार्टी नेतृत्व से बातचीत कर रहे थे लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। 

ऐसे में उन्होंने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में जाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद मैं लगातार भारतीय जनता पार्टी में अपनी आगामी जिम्मेदारी को लेकर शीर्ष नेतृत्व से बात कर रहा था लेकिन इस मुद्दे पर कोई बात करने को ही तैयार नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा की कार्यशैली को लेकर पहले कभी मेरे मन में सवाल नहीं आया लेकिन इस समय पार्टी में कुछ नेताओं का रवैया यह है कि कोई बात ही नहीं करना चाहता। ऐसे में कब तक अपनी उपेक्षा सहन करता रहता।

कांग्रेस लड़ाना चाहती थी लोकसभा चुनाव

सुरेश चंदेल ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने उनसे लोकसभा चुनाव को लेकर संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि उनका भी चुनाव लडऩे का मन था लेकिन किन्हीं वजहों से यह संभव नहीं हुआ फिर भी मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल हुआ हूं ताकि जनसेवा का काम जारी रख सकूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में उनकी क्या जिम्मेदारी होगी, यह कांग्रेस नेतृत्व को ही तय करना है।

कुछ नेता रोक रहे थे मेरा रास्ता

चंदेल ने कहा कि वह महत्वाकांक्षी नहीं हैं बल्कि जनसेवा के आकांक्षी रहे हैं। वह भाजपा में बीते 30 साल से रहकर जनता की सेवा कर रहे थे लेकिन भाजपा के ही कुछ नेता मुझे चारों तरफ से घेर कर मेरा रास्ता रोक रहे थे। पार्टी में उपेक्षित व्यवहार से मेरा मन खट्टा हुआ है। इस कारण मुझे यह निर्णय लेना पड़ा।

इधर नफा-नुक्सान का आकलन

सुखराम के बाद पूर्व सांसद सुरेश चंदेल के चुनावी बेला में भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाने से प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई है तथा भाजपा डैमेज कंट्रोल करने में भी जुट गई है। दोनों ही दल इस मामले में जमीनी स्तर पर होने वाले नफा-नुक्सान का आकलन अपने-अपने स्तर पर करने में जुट गए हैं। इस मामले पर कोई भी पार्टी का पदाधिकारी कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज ही कर रहा है।


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Ekta

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