Diabetes होने के है ये 9 कारण, घरेलू इलाज करेगा बचाव

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 12:44 PM (IST)

आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि ज्यादा मीठा मत खाओं, डायबिटीज  (Diabetes) हो जाएगी। मगर क्या यह पूरी तरह सच है। डायबिटीज में डॉक्टर मीठे से परहेज करने के लिए जरूर कहते हैं लेकिन क्या जिन्हें ये समस्या नहीं है उन्हें भी मीठा खाने से परहेज करना चाहिए? बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। मीठा खाने और डायबिटीज में कोई कनेक्शन नहीं है। दुनिया में बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं जिन्हें मीठा बिल्कुल पसंद नहीं लेकिन फिर भी वो इसकी चपेट में आ जाते हैं क्योंकि डायबिटीज अन्य कारणों से भी हो सकती है।

डायबिटीज क्या है ?

पेंक्रियाज ग्रंथी में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक बढ़ जाता है, जिसे डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जो पाचन ग्रन्थि द्वारा बनता है और जो भोजन को एनर्जी में बदलने का काम करता है। इसके बिना शरीर शुगर की मात्रा को कंट्रोल नहीं कर पाता, जिससे आप डायबिटीज की चपेट में आज जाते हैं।

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डायबिटीज कैसे होती है?

दरअसल, डायबिटीज होने का कारण इंसुलिन की कमी या इंसुलिन रेजिस्टेंस है, मीठा खाना नहीं। मगर इसका ये मतलब नहीं कि डायबिटीज होने के बाद भी शुगर खाना उसी मात्रा में बरकरार रखा जाए। डायबिटीज के मरीज मिठाई डॉक्टर की सलाह से खा सकते हैं। इसके साथ ही मिठास के लिए शक्कर की जगह एस्पार्टेम (कम कैलोरी वाला स्वीटनर) का यूज करना इनके लिए फायदेमंद है।

शुगर कितनी मात्रा में ले सकते हैं ?

WHO के अनुसार अगर आप दिनभर में 6 चम्मच शुगर का सेवन कर रहे हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं। क्योंकि शुगर की इतनी मात्रा से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।

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डायबिटीज के कारण (Reason for Diabetes)
खराब लाइफस्टाइल है वजह

हाल ही में हुए शोध के अनुसार, आज के समय में डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल है। जी हां, भरपूर डाइट ना लेना, गलत डाइट, पानी ना पीना, एक्सरसाइज ना करना और फिजिकल एक्टिविटीज को लेकर निष्क्रिय रहना जैसी गलत आदतें भी आपको डायबिटीज का मरीज बना देती हैं। ऐसे में अगर इस बीमारी से बचना है तो अपना लाइफस्टाइल सुधारें।

ब्रेकफास्ट छोड़ना भी एक वजह

सुबह नाश्ता स्किप करके आप टाइप-2 डायबिटीज को न्यौता दे रहे हैं। रिसर्च के मुताबिक, जो लोग रोज नाश्ता नहीं करते उनमें डायबिटीज का खतरा 33% और हफ्ते में 4 दिन ब्रेकफास्ट ना करने वाले में इसका खतरा 55% अधिक होता है। दरअसल, सुबह का नाश्ता ना करने से शरीर के अंदर इंसुलिन का रेसिस्टेंस बढ़ जाता है, जिससे मेटाबोलिज्म सिस्टम पर दबाव पड़ने लगता है और इससे शरीर के अंदर डायबिटीज के लक्षण पनपने लगते हैं।

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डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)

विटामिन डी की कमी

स्टडी के अनुसार, विटामिन डी की कमी से शरीर में ब्लड ग्लूकोस का स्तर बढ़ जाता है, जिसे प्री-डायबिटिक माना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति का हाई ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता लेकिन वह इतना ज्यादा नहीं होता कि उसे डायबिटिक कहा जाएं। मगर धीरे-धीरे ये स्थिति आपको डायबिटीज का शिकार बना देती है।

वजन बढ़ने से भी हो सकती है डायबिटीज

बढ़ा हुआ वजन आज के समय में हर तीसरे व्यक्ति की समस्या है लेकिन आपको बता दें कि मोटापा कई गंभीर बीमारियों का घर भी है, जिसमें से एक है डायबिटीज। शोध के अनुसार, पतले लोगों के मुकाबले मोटे लोगों में इसका खतरा 3 गुणा ज्यादा होता है। इतना ही नहीं, मोटापा हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों का कारण भी बनता है।

जेनेटिक भी है वजह

जी हां, डायबिटीज एक अनुवांशिक रोग है। अगर किसी के माता पिता को डायबिटीज है तो उनके बच्चों को भी मधुमेह होने की सम्भावना ज्यादा होती है। इसके अलावा मानसिक गर्भावस्था में ज्यादा दवाइयों लेने, चाय, दूध, कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन और धूम्रपान या तंबाकू से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

दिनभर ऑफिस में बैठे रहना

जो लोग दिनभर ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं और बिल्कुल भी व्यायाम नहीं करते उन लोगों में डायबिटीज होने के खतरा 80% बढ़ जाता है।

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इंसुलिन का ना बनना

इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं या सेल्स को एनर्जी मिलती है। मगर इंसुलिन के कम निर्माण से खून में शुगर अधिक हो जाती है और सेल्स की एनर्जी कम होने लगती है। शारीरिक ऊर्जा कम होने से रक्त में शुगर जमा होती चली जाती है, जोकि यूरिन का रास्ते बाहर निकलती है। यही कारण है कि डायबिटीज रोगी को बार-बार पेशाब आता है।

ज्यादा तनाव लेना

डॉक्टर्स का मानना है कि ज्यादा तनाव में रहने पर शरीर का शुगर लेवल बढ़ जाता है। अगर आप लगातार तनाव या अवसाद जैसी स्थिति से घिरे रहते हैं तो आप शुगर की चपेट में आ सकते हैं।

भरपूर नींद ना लेना

कम सोने वाले लोगों में भी शुगर होने के चांस बढ़ जाते हैं। कभी-कभी कम सोना तो नार्मल बात है लेकिन अगर आप लगातार अपनी नींद पूरी नहीं कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। ऐसे लोगों को शुगर की बीमारी जल्दी अपना शिकार बनाती है।

अमरूद करेगा डायबिटीज का इलाज

एक अध्ययन के मुताबिक, अमरूद ब्लड शुगर के स्तर को कम करके डायबिटीज का इलाज करने में मददगार होता है। दरअसल, अमरूद अल्फा-ग्लूकोसिडेस नामक एंजाइम के कार्य को कम करता है, जो ब्लड में ग्लूकोज को भोजन में परिवर्तित करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है।

ऐसे बनाएं अमरूद के पत्तों की चाय

अमरूद के 5-6 पत्ते को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें। इसके बाद करीब 1 लीटर पानी में इन पत्तों को डालकर 10 मिनट तक उबालें और फिर पानी छानकर एक गिलास में डालें। आप स्वीटनर के रूप इसमें हल्का-सा शहद मिला सकते हैं। आपकी चाय तैयार है।

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कब और कैसे पीएं?

शुगर कंट्रोल करने के लिए इसकी 1 कप चाय का सेवन सुबह पीएं। इसके अलावा आप से भोजन के बाद भी पी सकते हैं लेकिन दिनभर में इसकी 1-2 कप चाय ही लें।

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Content Writer

Anjali Rajput

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