ट्रैक को खोखला कर रहे चूहे, नहीं उठाए जा रहे कारगर कदम

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 10:17 AM (IST)

फरीदाबाद(ब्यूरो): पुराना फरीदाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म, रेलवे यार्ड व पटरियों पर पल रहे चूहों के आतंक से यात्री और रेलवे कर्मी भी परेशान हैं। रेलवे के लिए नासूर बने इन चूहों पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो फरीदाबाद सेक्शन में भी बड़ा रेल हादसा हो सकता है। चूहों ने यहां 2 और 3 प्लेटफार्म, यार्ड और पटरियों तक जाने के लिए सुरंग बनाई हुई हैं। ये चूहे जीआरपी, स्टेशन अधीक्षक, बुकिंग काउंटरों व आरपीएफ कार्यालय में रखे सामान व दस्तावेजों को भी खासा नुकसान पहुंचाते है।

इनसे रेल पटरियों के साथ बने केबल बॉक्स को भी नुकसान हो रहा है। केबल बॉक्स से ट्रेनों को सिगनल दिया जाता है। वैसे तो चूहे आए दिन केबल बॉक्स की तारों को काट देते हैं, मगर रेलवे अधिकारी इन्हें समय रहते ठीक कर देते हैं। यदि रेलवे अधिकारी व कर्मचारी समय-समय पर ध्यान नहीं दिया तो रेल हादसा होते देर नहीं लगेगी। बता दें कि पैनल से सिगनल केबल बॉक्स से ट्रेन तक सिगनल पहुंचता है और वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के खतौली हुए रेल हादसे की वजह भी चूहें ही थे जिन्होंने पैनल बॉक्स की केबलों को नुकसान पहुंचाया था।

केबल बॉक्स खराब होने पर सिग्नल नहीं मिलता। उल्लेखनीय है कि चूहों पर नियंत्रण के लिए रेलवे द्वारा पेस्ट कंट्रोल किया जाता था, ताकि रेलवे की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकें। पेस्ट कंट्रोल बंद होने के बाद वह रेलवे की संपत्ति को रोजाना नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्लेटफार्म नम्बर 2 और 3 पर इनका आतंक इस कदर कायम है कि ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को काट भाग जाते हैं।इसके अलावा उनके सामान को भी कुतर कर नुकसान पहुंचाते हैं। अभी पिछले दिनों प्लेटफॉर्म नंबर दो ट्रेन के इंतजार में बैठे एक बारा की धोती में घुसकर पैर कुतर दिया था। 

काले तो नहीं सफेद चूहे  हुए गायब : रेलवे ने अपनी संपत्ति को चूहों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए फरीदाबाद स्टेशन पर सफेद चूहे छोड़े थे, ताकि उन्हें देखकर काले चूहे चले जाएं, लेकिन रेलवे अधिकारियों की यह योजना भी विफल हो गई। सभी सफेद चूहे गायब हो गए, लेकिन काले चूहे यूं ही बने रहे। 2015 में खर्च किए थे 10 करोड़

अब नई कंपनी को ठेका : दिल्ली रेल मण्डल ने नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार और सराय रोहिल्ला रेलवे, फरीदाबाद, गुडग़ांव, समेत दिल्ली के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आतंक मचा रहे चूहों और कॉकरोचों से पीछा छुड़ाने के लिए वर्ष 2015 में 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।दिल्ली डिविजन के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार चूहों और कॉकरोचों से यात्रियों और रेलवे को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए नई कंपनी को ठेका दिया गया है। उन्होंने बताया कि चूहे सबसे अधिक नुकसान रेलवे ट्रैक को खोखला करने और कार्गो एरिया में लगेज काटने का करते हैं। 


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kamal

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