फरीदकोट हलका भी कम हॉट नहीं, देश-विदेश की टिकी नजरें

punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2019 - 12:04 PM (IST)

चंडीगढ़(भुल्लर):पंजाब का फरीदकोट लोकसभा हलका भी राज्य की बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर जैसी हॉट सीटों से कम अहमियत नहीं रखता। यह हाई-प्रोफाइल हलका रहा है। बेअदबी के मामलों के कारण पिछले तीन वर्षों से अधिक समय से देश-विदेश में चर्चा का केंद्र रहे बरगाड़ी व बहबलकलां क्षेत्र भी इसी हलके में आते हैं। इसी हलके से प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल सांसद रहे हैं। वर्ष 1977 से लेकर 2004 तक यह हलका जनरल था और वर्ष 2009 में यह लोकसभा क्षेत्र आरक्षित बना दिया गया। इस हलके का चुनाव इतिहास भी बड़ा दिलचस्प है। 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इस पर बड़े अंतर से जीत हासिल कर पिछले इतिहास को पलट दिया। इस सीट पर ज्यादा बार अकाली दल का ही कब्जा रहा है। 1977 से 2004 तक के परिणाम को देखें तो 6 बार अकाली दल जीता और कांग्रेस सिर्फ 2 जीत दर्ज कर सकी। 
 
सुखबीर हारे थे बराड़ से 
इस हलके की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है कि यहीं से शिअद संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल संसदीय चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे और उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल भी इसी हलके से 3 बार सांसद निर्वाचित हुए हैं। इसी हलके से राज्य में अपनी सरकार होने के बावजूद सुखबीर बादल वर्ष 1999 में कांग्रेस के उम्मीदवार जगमीत बराड़ के हाथों मात खा गए थे। यह भी उल्लेखनीय है कि इस हलके में अधिकतर लोकसभा चुनावों में जीत-हार का अंतर बहुत कम रहा है। 

विधानसभा चुनावों में अकाली दल को एक भी सीट नहीं 
इस लोकसभा हलके में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का दायरा जिला बङ्क्षठडा तक है। इस जिले का विधानसभा क्षेत्र रामपुराफूल फरीदकोट लोकसभा हलके में ही पड़ता है। फरीदकोट संसदीय क्षेत्र में पडऩे वाले 9 विधानसभा हलकों में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में 6 सीटें कांग्रेस और 3 सीटें आम आदमी पार्टी को मिली थीं, जबकि किसी समय अकाली दल का गढ़ रहे इस क्षेत्र में अकालियों को एक भी सीट नहीं मिली। इन चुनावों में अकाली वोटरों का झुकाव आम आदमी पार्टी की तरफ हुआ था। 

बरगाड़ी व बहबलकलां मामलों का भी सीधा प्रभाव
बरगाड़ी और बहबलकलां बेअदबी व गोलीकांड मामलों का हलके पर सीधा प्रभाव है। इन मामलों को लेकर अकाली दल ही कटघरे में है। अब यह देखना होगा कि पिछले चुनावों में आप की ओर गया अकाली वोट अब किस ओर जाता है। बरगाड़ी व बहबलकलां कांड को लेकर सिख संगठनों द्वारा सरबत खालसा की ओर से नियुक्त समानांतर जत्थेदारों के नेतृत्व में 192 दिनों तक चलाया गया संघर्ष भी शांतमयी आंदोलन में एक ऐतिहासिक पड़ाव था, जिसमें देश-विदेश से धर्म, जात-पात व पार्टियों से ऊपर उठकर लाखों लोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ इंसाफ लेने के लिए जुड़े थे। इसका असर भी हलके के चुनाव परिणाम में दिखना स्वाभाविक है। इसी का ही परिणाम है कि शिअद को माझा क्षेत्र से गुरसिख उम्मीदवार लाना पड़ा है। पार्टी ने पूर्व मंत्री व एस.सी. विंग के अध्यक्ष गुलजार सिंह रणीके को मैदान में उतारा है। 

विधानसभा चुनाव हारे सद्दीक फिर बलदेव सिंह के मुकाबले में 
मालवा क्षेत्र में पडऩे वाले इस हलके में मुकाबला इस कारण भी दिलचस्प बन गया है, क्योंकि यहां से कांग्रेस ने इसी क्षेत्र के जैतो विधानसभा हलके से चुनाव हारे लोकप्रिय गायक रहे मोहम्मद सद्दीक को उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनके मुकाबले में आप से बागी विधायक मास्टर बलदेव सिंह पंजाब डैमोक्रेटिक अलायंस के उम्मीदवार हैं। मास्टर बलदेव सिंह के हाथों ही सद्दीक पिछला विधानसभा चुनाव हारे थे। आम आदमी पार्टी की ओर से इस हलके से लोकसभा चुनाव भारी अंतर से जीतने वाले प्रो. साधु सिंह ही फिर मैदान में हैं।

लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम 

 नाम        पार्टी           वोट      प्रतिशत
प्रो. साधु सिंह   आप  450751 43.67
परमजीत कौर गुलशन  शिअद      278235   26.96
जोगिंद्र सिंह    कांग्रेस    251222 24.34
कश्मीर सिंह   भाकपा  14573   1.41
संत राम  बसपा 8282  0.8
अन्य 14 प्रत्याशियों को मिले मत     29044 2.81

वर्ष 1977 से वर्ष 2014 तक के विजेता 
   

वर्ष     नाम   पार्टी
1977 प्रकाश सिंह बादल   शिअद
1980   गुरविंद्र कौर     कांग्रेस
1985 शमिंद्र सिंह  शिअद
1996 सुखबीर बादल शिअद
1998 सुखबीर बादल शिअद
1999   जगमीत बराड़ कांग्रेस
2004   सुखबीर बादल शिअद
2009  परमजीत कौर गुलशन   शिअद
2014   प्रो. साधु सिंह   आप

 
    

    
    
   
 


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swetha

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