जान जोखिम में डाल 8 घंटे बर्फ में पैदल चलकर बुजुर्ग व महिलाओं ने पार किया Rohtang Pass
punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2019 - 11:39 AM (IST)
केलांग : कुल्लू और मनाली में फंसे हजारों लोग हवाई सुविधा न मिलने से परेशान हैं और अपनी जान जोखिम में डाल कर 8 घंटे पैदल चल कर बर्फ में तैलिंग नाला तक सफर करने को मजबूर हैं। वहीं रोहतांग सुरंग के रास्ते भी आवाजाही की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से लोग दर-दर भटक रहे हैं। समाचार पत्रों में रोहतांग सुरंग की आवाजाही को लेकर छपी खबर से शुक्रवार को सैंकड़ों बुजुर्ग और महिलाएं मनाली तक आए और लाहौल-स्पीति भवन में अपना नाम दर्ज करने के लिए भीड़ देखी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं होने से उन्हें वापस लौटना पड़ा।
घाटी के अंदर आने वाले यात्रियों में कलजंग टशी, राकेश, डोलमा, नवांग, सोनम, रिगजिन, छेरिंग और अमर सिंह ने बताया कि वे समाचार पत्र में सुरंग से आवाजाही की खबर प्रकाशित होने पर मनाली पहुंचे, लेकिन सुरंग और हैलीकॉप्टर सेवा नहीं मिलने से मढ़ी से ही रोहतांग दर्रे से पैदल लांघना पड़ रहा है। उधर, सिस्सू पंचायत की प्रधान सुमन ने बताया कि 2 महीने के लंबे अंतराल के बाद चंद्रा घाटी के सिस्सू और गोंधला में मोबाइल की घंटी बजी है।
उन्होंने कहा कि सुरंग के रास्ते आम जनता की आवाजाही सुनिश्चित नहीं की गई है, जबकि शुक्रवार को डी.सी. लाहौल-स्पीति के साथ कुछ सत्ताधारी दल के नेताओं के परिवार भी सुरंग के रास्ते लाहौल पहुंचे। शनिवार को भी रोहतांग दर्रे से पैदल लांघने का सिलसिला जारी रहा। कोकसर बचाव चौकी के प्रभारी पवन ठाकुर ने बताया कि शनिवार को 60 बुजुर्ग और महिला यात्री मढ़ी के बनतामोड़ से पैदल चलकर रोहतांग दर्रे से होते हुए सुरक्षित कोकसर पहुंचे।
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