प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय से आए जांच के आदेश, नहीं पूरी हो सकी हाईप्रोफाइल मामले की जांच

punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2019 - 12:27 PM (IST)

अमृतसर(सफर): सिविल लाइन थाने में 2018 व 2019 में अलग-अलग दर्ज की गई 2 एफ.आई.आर. के जांच के आदेश पंजाब सरकार व केन्द्र सरकार दोनों ने दिए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री मोदी, देश की कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से लेकर पंजाब के गवर्नर, पंजाब के मुख्य सचिव, पंजाब के हैल्थ सैक्रेटरी जांच के आदेश दिए, लंबा अर्सा बीत गया लेकिन अभी तक थाना सिविल लाइन में दर्ज दोनों एफ.आई.आर. में जांच पूरी नहीं हो पाई है। 2018-19 में यह मामला अमृतसर का सबसे हाई प्रोफाइल मामला है जिसमें अलग-अलग आधा दर्जन जांच के आदेश तो हैं लेकिन जांच अभी तक पूरी होने का नाम ही नहीं ले रही है। 

मामला अमृतसर के सिविल लाइन थाने के एफ.आई.आर. नंबर 155 से जुड़ा है। यह मामला 10 अप्रैल 2018 को 110 आनंद एवेन्यू परिवार पर दहेज हत्या का दर्ज हुआ था। नित्या गुप्ता की संदिग्ध हालात में 13 फरवरी 2018 को मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट 28 मार्च 2018 को आई जिसमें मौत का कारण सल्फास बताया गया। पुलिस ने इस मामले में नित्या के पति अतुल गुप्ता के साथ परिवार के 2 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जबकि बाकी आरोपियों की जमानतें हो गईं। मामले ने तूल तब पकड़ा जब 155 नंबर एफ.आई.आर. को लेकर गुप्ता परिवार ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री मंत्री मेनका गांधी से गुहार लगाई कि उन्हें आर.टी.आई. में ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिसमें यह साफ हो गया है कि पोस्टमार्टम करने वाले डा. सविन्द्र सिंह पंजाब मैडीकल कौंसिल में बिना रजिस्ट्रेशन ही पिछले 30 सालों में 119 पोस्टमार्टकर चुके हैं। इस बिंदु पर 6 अलग-अलग जांच डा. सविन्द्र सिंह को लेकर चल रही है, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर ही है। मामला राष्ट्रपति कार्यालय से लेकर सिविल लाइन थाने तक जुड़ा है लेकिन अभी इस मामले में रिजल्ट आना बाकी है।

पंजाब मैडीकल कौंसिल ने कहा-डा. के खिलाफ कार्रवाई हो 
‘पंजाब केसरी’ के पास वह चिट्ठी है जिसमें पंजाब मैडीकल कौंसिल ने लिखा है कि डा. सविन्द्र सिंह मैडीकल अफसर, सैंट्रल जेल में बिना पंजाब में रजिस्ट्रेशन करवाए सरकारी सेवाएं दे रहा है, इसलिए उक्त डा. के खिलाफ अनुशासन के तहत कार्रवाई करके कार्यालय को सूचित किया जाए। 

राष्ट्रपति ने बीती 20 नवम्बर 2018 तक मांगा था जवाब, एस.डी.एम. बोले-जांच चल रही है 
राष्ट्रपति ने पंजाब सरकार को इस मामले की जांच के लिए 25 अक्तूबर 2018 को लिखा था कि 20 नवम्बर 2018 तक जांच रिपोर्ट उन्हें दी जाए लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। जांच कर रहे एस.डी.एम. अजनाला रजत ओबराय कहते हैं कि जांच चल रही है। 

ए.सी.पी. नॉर्थ बोले-डा. सैंट्रल जेल में तैनात है, संबंधित थाना करेगा जांच
ए.सी.पी. नॉर्थ सर्बजीत सिंह बाजवा कहते हैं कि मामले की जांच पहले सिविल लाइन थाने की पुलिस कर रही थी लेकिन डा. सविन्द्र सिंह अमृतसर सैंट्रल जेल में तैनात है, अब यह जांच संबंधित थाने को सौंपी जाएगी।  बता दें, डी.जी.पी. ने 3 अप्रैल 2019 को डा. सविन्द्र सिंह की जांच के आदेश दिए हैं। खास बात है कि इस मामले में अमृतसर के पुलिस कमिश्रर को केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी व डी.जी.पी. की ई-मेल के बाद सारी जांच ए.सी.पी. नॉर्थ के पास ही है।

पंजाब मैडीकल कौंसिल के प्रैसीडैंट ने कहा-सरकार को लेना है फैसला  
पंजाब मैडीकल कौंसिल के प्रैसीडैंट डा. ए.एस. सेखों कहते हैं कि डा. सविन्द्र सिंह पंजाब मैडीकल कौंसिल में रजिस्टर्ड नहीं हैं, लेकिन वह किसी भी राज्य में रजिस्टर्ड हैं तो प्रैक्टिस कर सकते हैं लेकिन किसी दूसरे के रजिस्ट्रेशन पर नहीं। पंजाब मैडीकल कौंसिल ने रिपोर्ट भेज दी है, फैसला सरकार को लेना है।

हैल्थ डायरैक्टर के सुपरिटैंडैंट ने कहा- हमने सिविल सर्जन से मांगा है जवाब 
हैल्थ डायरैक्टर पंजाब के सुपरिटैंडैंट जसबीर सिंह बोले कि हमने अमृतसर के सिविल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई से जानकारी मांगी है कि डा. सविन्द्र सिंह की बिना रजिस्ट्रेशन दूसरे के नाम पर क्यों प्रैक्टिस कर रहा था। उधर, सिविल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई कहते हैं कि जो जानकारी मुझसे मांगी गई थी, मैंने भेज दी है।

पंजाब केसरी ने जाना डा. सविन्द्र सिंह का पक्ष
‘पंजाब केसरी’ ने डा. सविन्द्र सिंह का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया तो कुछ इस अंदाज में उन्होंने बात की ‘आप मेरा रिकार्ड सिविल सर्जन आफिस जाकर देख सकते हैं, मैं कहीं गलत नहीं हूं। वैसे मैं मीडिया से बात नहीं कर सकता, मुझे इजाजत नहीं है विभाग से।


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