मामला मकसूदां सब्जी मंडी पार्किंग ठेके काःअधूरे कागजों की फाइनैंशियल बिट कैसे खोली विभाग ने

punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2019 - 11:35 AM (IST)

जालंधर(शैली): नई सब्जी मंडी की पार्किंग व्यवस्था का ठेका विभागीय अधिकारियों के गले की फांस बनता जा रहा है। 2018-19 के ठेकेदार रविंद्र पब्बी ने विभागीय अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्किंग ठेके की टैंडर प्रक्रिया को पारदर्शी होने के बावजूद घपलेबाजी की जा रही है। 

ठेकेदार पब्बी ने बताया कि 2019-20 के लिए 19 मार्च को ठेका अलॉट करने के लिए टैंडर प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन लोकसभा चुनावों का बिगुल बजने के कारण इलैक्शन कोड लग गया जिसके बाद 4 अप्रैल को चुनाव आयोग द्वारा परवानगी मिलने के बाद टैंडर खोले गए जिनमें विभाग को मात्र 2 टैंडर प्राप्त हुए जिसमें से एक राधा रमण कम्पनी का और एक रविंद्र कुमार पब्बी के नाम का था लेकिन रविंद्र कुमार पब्बी ठेेकेदार के दस्तावेजों में कमी के चलते व एक सिंगल टैंडर सही होने के कारण टैंडर प्रक्रिया असफल रही तथा विभाग द्वारा पूर्ण कार्रवाई दोबारा करने के लिए समाचार पत्रों में इश्तिहार (विज्ञापन) दिए गए।

इसके बाद 10 अप्रैल को टैंडर एक्सियन गुरविंद्र सिंह चीमा, डी.एम.ओ. वीरेन्द्र कुमार खेड़ा व मार्कीट कमेटी सचिव परमजीत सिंह चीमा द्वारा खोले गए और 3 करोड़ 53 लाख 15 हजार 560 की राशि भरने वाले राधा रमण कम्पनी के नाम ठेका अलॉट की घोषणा कर दी गई जबकि विभाग की वैबसाइट पर 10 अप्रैल को 2 आवेदनों के टैंडर शो हो रहे थे जिनमें एक जे.पी. बिल्डर व एक पुष्पा रानी पब्बी के नाम का था। 

ठेकेदार रविंद्र पब्बी ने आरोप लगाते हुए कहा कि तीसरा टैंडर राधा रमण कम्पनी द्वारा जब नई प्रक्रिया में डाला ही नहीं गया तो विभाग ने कैसे राधा रमण को अलॉट कर दिया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने टैंडर बाबत डी.एम.ओ. वीरेन्द्र खेड़ा से बात की तो उन्होंने कहा कि पहली प्रक्रिया वाले टैंडर को होल्ड किया गया था। रविंद्र पब्बी ने कहा कि जब पहली प्रक्रिया असफल हो गई व विभाग ने दोबारा भरने केलिए आवेदन मांग लिए तब पहली प्रक्रिया में आए टैंडर को कैसे शामिल कर दिया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि पुष्पा रानी पब्बी आवेदक कम्पनी के कागजों पर नियमों अनुसार डिजिटल सिग्नेचर नहीं थे और उन कागजों को रिजैक्ट क्यों नहीं किया गया। टैंडर प्रक्रिया अनुसार टैक्नीकल बिट गलत होने वाली कम्पनी की फाइनैंशियल बिट नहीं खोली जा सकती। इन विभागीय अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए फाइनैंशियल बिट कैसे खोल ली। 

ठेकेदार रविंद्र पब्बी ने टैंडर प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों से जवाब मांगे लेकिन उन्हें सही जवाब नहीं मिल पा रहा, जिसके तहत उन्होंने सोमवार को पूर्ण मामला हाईकोर्ट में ले जाने की चेतावनी दी। ठेेकेदार रविंद्र पब्बी की प्रैस कान्फ्रैंस के बाद जब विभागीय अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा तो सम्पर्क नहीं हो पाया। 


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swetha

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