NH का मुद्दा बना गले की फांस, एक भी सड़क की अलाइनमैंट रिपोर्ट को नहीं मिल पाई मंजूरी

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2019 - 12:02 PM (IST)

शिमला (हेटा): हिमाचल की सत्ता हथियाने के लिए भाजपा ने नैशनल हाईवे के लिए कंसल्टैंट लगाने में देरी को पिछले विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन अब यही मुद्दा भाजपा सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। भाजपा को इस बार चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस व आम जनता के इस सवाल का जवाब देना होगा कि आखिर घोषणा के पांच साल बाद कोई भी एन.एच. धरातल पर क्यों नहीं उतर पाया, जबकि पी.डब्ल्यू.डी. महकमे ने हिमाचल के लिए घोषित 69 में से 54 एन.एच. की अलाइनमैंट रिपोर्ट बनाकर केंद्र को भेज रखी है। 

इनमें से कुछ सड़कों की अलाइनमैंट रिपोर्ट केंद्र को भेजे डेढ़ साल का वक्त बीत गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने एक भी सड़क की अलाइनमैंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दी है। इस वजह से इन सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) नहीं बन पा रही है। जब तक अलाइनमैंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिलती तब तक किसी भी सड़क को एन.एच. का दर्जा नहीं दिया जा सकता। ज्ञात रहे कि साल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद हिमाचल की 69 सड़कों को एन.एच. बनाने की घोषणा की गई थी।

राज्य में पूर्व की वीरभद्र सरकार को भाजपा ने सड़क से लेकर विधानसभा के भीतर तक इस मुद्दे पर घेरा था। इसका विपक्षी भाजपा को चुनाव में लाभ भी मिला था, लेकिन प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के बाद यह मुद्दा भाजपा के लिए उल्टा पड़ रहा है। मोदी सरकार बीते पांच सालों के दौरान एक भी सड़क को एन.एच. का दर्जा नहीं दे पाई। इससे प्रदेश में कांग्रेस को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। राज्य की भाजपा सरकार को भी लोकसभा चुनाव में नुक्सान की आशंका सता रही है। 

इस तरह एन.एच. बनती है कोई भी सड़क

किसी भी सड़क को एन.एच. बनाने के लिए सबसे पहले कंसल्टैंट तैनात किया जाता है। इसके बाद इंसपैक्शन रिपोर्ट बनती है। इंसपैक्शन रिपोर्ट को राज्य व केंद्र की मंजूरी के बाद अलाइनमैंट रिपोर्ट को भी दोनों सरकारों की मंजूरी लेनी होती है। आखिर में डी.पी.आर. बनती है। डी.पी.आर. में यह बताना होता है कि सड़क को एन.एच. के मापदंडों के मुताबिक चौड़ा करने के लिए कितनी जमीन व बजट की आवश्यकता है।

चुनाव में कांग्रेस बनाएगी मुद्दा

कांग्रेस का दावा है कि उनकी सरकार में केंद्र द्वारा घोषित ज्यादातर एन.एच. के लिए कंसल्टैंट लगा दिए गए थे, लेकिन अब तक एक भी सड़क की अलाइनमैंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दी गई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो उस दौरान मोदी सरकार जानबूझकर कंसल्टैंट लगाने को मंजूरी नहीं दे रही थी, ताकि विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि जब पी.डब्ल्यू.डी. ने 54 सड़कों की अलाइनमैंट रिपोर्ट तैयार कर ली है तो केंद्र सरकार इनकी रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एन.एच. की घोषणा केवल वोट के लिए की गई है।


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Ekta

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