जब नरेंद्र मोदी ने तोड़ा था इस मैदान में हार का मिथक

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2019 - 11:12 AM (IST)

पालमपुर (मुनीष दीक्षित): हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा मैदान भी है। जहां वर्ष 2014 से पहले हर कोई चुनावी सभा या रैली करने से डरता था। डर इस बात का होता था कि जिसने यहां चुनावी रैली या जनसभा की उसकी हार तय है। कई ऐसे नेताओं की एक लंबी सूची थी जो यहां चुनाव से पहले रैली करके गए थे लेकिन जीतने की संभावना भी उनकी हार में बदल गई थी। इसके बाद से कोई भी स्थानीय नेता भी यहां रैली नहीं करता था। यहां तक की अपने बड़े नेताओं के सभा स्थल को भी बदल दिया जाता था। यहां बात हो रही है जिला कांगड़ा के पालमपुर के प्रगति मैदान जिसे अब शहीद कै. विक्रम बतरा मैदान की संज्ञा दी गई है।

इस मैदान में पूर्व पी.एम. अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी व चंद्रशेखर से लेकर कई प्रदेश व राष्ट्र स्तरीय नेताओं की सभाएं हो चुकी थी। लेकिन किसी के भी पक्ष में परिणाम नहीं रहे थे। 2014 के चुनाव के लिए कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद शांता कुमार के पक्ष में रैली करने जब नरेंद्र मोदी का पालमपुर आने का कार्यक्रम बना और इस मैदान को उनकी रैली के लिए चुना गया तो हर कोई पुराने मिथक को याद कर डरने लगा।

कुछ विद्धानों व वास्तुशास्त्र के जानकारों की राए भी ली गई और उसके बाद इस मैदान में बने मंच के बजाए उल्टी दिशा में सड़क के किनारे मंच तैयार करवाया गया। यह मंच सुरक्षा के मद्देनजर भी उपयुक्त था। यहां काफी सालों बाद उस समय नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित किया और न केवल कांगड़ा की सीट जीती बल्कि खुद और पार्टी को एक बड़ी जीत दिलाकर उन्होंने इस मैदान से जुड़े हारने के मिथक को भी तोड़ा।

 


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Ekta

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