गरीबी मिटाने गया था विदेश, परिवार को लाश भी नहीं हुई नसीब

punjabkesari.in Thursday, Apr 18, 2019 - 11:52 AM (IST)

श्री माछीवाड़ा साहिब (टक्कर): हलका समराला अधीन पड़ते गांव कुब्बे के नौजवान हरजीत सिंह व होशियारपुर के सतविंदर सिंह जोकि रोजगार के लिए सऊदी अरब गए थे वहां उनको एक कत्ल के आरोप में बीती 28 फरवरी को फांसी दे दी गई। दोनों के माता-पिता और पारिवारिक मैंबर जो अपने पुत्र के जिंदा आने का इंतजार कर रहे थे अब उनको उनकी लाश देखनी भी नसीब नहीं हुई।

मृतक हरजीत सिंह निवासी गांव कुब्बे के बड़े भाई गुरदेव सिंह ने बताया कि घर में गरीबी होने के कारण 21 वर्ष की आयु में उसका छोटा भाई 2007 में रोजगार के लिए सऊदी अरब गया और परिवार ने कर्ज उठाकर उसे विदेश भेजा था। वहां वह कंपनी अल-मजीद में ड्राइवरी करने लगा। 2012 में वह अपने पारिवारिक मैंबरों को घर मिलने आया और उसके बाद वह वापस सऊदी अरब चला गया। 2015 में सऊदी अरब में कंपनी में कुछ पंजाबियों के बीच झगड़ा हो गया और पुलिस 4 व्यक्तियों को थाने ले गई जिनमें उसका छोटा भाई हरजीत सिंह और होशियारपुर जिले से संबंधित सतविंदर सिंह भी था। वहां पुलिस जांच दौरान सऊदी अरब की पुलिस ने इन दोनों को एक भारतीय मूल के कत्ल के आरोप में रियाद जेल भेज दिया। 

हाईकोर्ट में अपील दायर करने पर फांसी की सजा की हुई पुष्टि
रियाद जेल में बंद फांसी की सजा प्राप्त हरजीत सिंह और सतविंदर सिंह के नामों की पुष्टि तब हुई जब होशियारपुर निवासी सतविंदर सिंह के परिजनों ने इस संबंधी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पटीशन दायर की। इसकी सुनवाई दौरान 10 अप्रैल को एफ.ई.ए. ने पुष्टि की कि इन दोनों व्यक्तियों को फांसी की सजा 28 फरवरी को दी जा चुकी है।

बिना किसी को सूचित किए फांसी देना सरासर धक्केशाही
हरजीत सिंह ने फोन पर कहा था कि उसे जेल से बाहर निकालने के लिए प्रयत्न किए जाएं तथा दावा किया था कि उसने सऊदी अरब में कोई कत्ल नहीं किया है, उसे झूठा इस केस में फंसाया गया है। हरजीत सिंह के बुजुर्ग पिता बुद्ध सिंह और माता जसविंदर कौर के अलावा सभी पारिवारिक मैंबर इस बात से हैरान हैं कि बिना परिजनों को सूचित किए और बिना भारतीय एम्बैसी को बताए सऊदी अरब की सरकार ने हरजीत सिंह को 28 फरवरी को फांसी दे दी जो सरासर धक्केशाही है।

सऊदी अरब कानून अनुसार फांसी वाले व्यक्ति का शव परिजनों को नहीं दिया जाता
सऊदी अरब के दूतावास में तैनात भारतीय डायरैक्टर (कौंसलर) प्रकाश चंद ने भारत एम्बैसी को पत्र लिख विवरण दिया है कि सऊदी प्रणाली के अनुसार जिन व्यक्तियों को फांसी दी जाती है उनका शव पारिवारिक सदस्यों या संबंधित के दूतावास हवाले नहीं किया जाता। इस संबंधी मौत का सर्टीफिकेट जरूर जारी किया जाता है। सऊदी अरब के इस कानून के अंतर्गत मृतक हरजीत सिंह के शव को अपने गांव की मिट्टी नसीब होनी संभव नहीं लगती जिस कारण परिवार को सारी उम्र अपने नौजवान पुत्र की मौत का दुख रहेगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News